विश्व प्रसिद्ध रँगीली होली के अवसर पर बरसाना में किया ब्रज के पर्वतों की रक्षा का आह्वान
भगवान कृष्ण की धरोहरो को बचाने का यह संघर्ष निर्णायक होगा- अभिनेता दिलीप मेहरा
होली पद का गान कर दिया पर्वतों की रक्षा का संदेश
डीग (भरतपुर, राजस्थान/ पदम जैन) ड़ीग के गांव पसोपा में चल रहे धरने के 67वे दिन मंगलवार को बरसाना में विश्व प्रसिद्ध रंगीली होली के अवसर पर बरसाना पधारे हजारों वैष्णव को मान मंदिर के साधुओं ने पर्चे बांटकर व मान मंदिर पर आयोजित नाटिका के दौरान उपस्थित हजारों वैष्णवो को आदिबद्री व कनकाचल पर्वत पर बड़े पैमाने पर हो रहे खनन के बारे में पूरी जानकारी दी व साथ ही उन्होंने कहा कि पूरे भारतवर्ष से आये आप लोग अपने यंहा जाकर भगवान श्री कृष्ण की लीला स्थलियों के विनाश के बारे में संपूर्ण देश के लोगो को अवगत कराएं और आगामी महापड़ाव में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होना सुनिश्चित करें ।
मान मंदिर के अध्यक्ष रामजी लाल शास्त्री जी ने उपस्थित भारी जनसमुदाय को आह्वान किया कि भगवान श्री कृष्ण जो परमेश्वर हैं और जिन्होंने अपनी सारी लीलाएं पर्वतों पर नदी के निकट भवनों में की है सरकार की उदासीनता के चलते इन पर्वतों को व ब्रज के पर्यावरण को सुनियोजित तरीके से नष्ट किया जा रहा है । मान मंदिर के सचिव ब्रजदास ने कहा कि 10 अप्रैल के बाद होने वाला महापड़ाव पूरे भारतवर्ष के लिए एक निर्णायक क्रांति का आगाज करेगा जिसमें 36 कौम के सभी प्रतिनिधि, समाज के प्रबुद्ध वर्ग के कई गणमान्य व्यक्ति एवं देशभर के विभिन्न संगठन इसमें सम्मिलित होंगे साथ ही 25 मार्च को जयपुर में आयोजित होने वाले जन चेतना मार्च में सैकड़ों बृजवासी व भारी संख्या में वैष्णव लोग उपस्थित होंगे । मुंबई से पधारे अभिनेता व अखिल वैष्णव महासंघ के संयोजक दिलीप ने कहा यह बड़ा दुर्भाग्य का विषय है कि आज भी इतनी जन चेतना के बाद ब्रज के पर्यावरण को व प्राकृतिक धरोहर को इस प्रकार से नष्ट किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि वे स्वयं इस विषय को लेकर पूरे भारतवर्ष में स्थित अभिनेताओं से व सभी वैष्णव संघों से चर्चा कर कर इस आंदोलन में सम्मिलित होने की बात कहेंगे । रंगीली पर संतो ने होरी के पद गायन के माध्यम से ब्रज के पवतों, संस्कृति, पौराणिक सम्पदा, पर्यावरण के संरक्षण का संदेश दिया ।इस अवसर पर माध्वीशरण बाबा, बृजराज बाबा, शाश्वत, रविदास बाबा, साध्वी प्रीति, साध्वी गौरी, साध्वी मधुबनी, कृष्ण चैतन्य बाबा, कृष्ण दास बाबा आदि सहित हजारो की संख्या में देश के अलग अलग कोनो से आये वैष्णव भक्त मोजूद थे।