मिलीभगत का खेल, प्रशासन अगर जिंदा है तो ब्लैक बाजारी पर लगाए अंकुश
आखिर किसकी शह पर चल रही है काला बाजारी, गरीबों का होता है शोषण
लक्ष्मणगढ़ (अलवर, राजस्थान/ गिर्राज सौलंकी) वैसे तो पूरा विश्व ही कोरोना की चपेट में है जिसके चलते हुए अलग-अलग देशों में अलग-अलग राज्यों में अपने अपने हिसाब से नियम कायदे बनाकर कोरोना की जंग को जीतने के लिए लड़ाई लड़ी जा रही है पर लक्ष्मणगढ़ में जैसे ही शुक्रवार को राज्य सरकार के कर्फ्यू के आदेश आए तो क्या जमाखोरों की ब्लैक बाजारी करने वालों की कोई खुशी का ठिकाना नहीं रहा इन लोगों ने शुक्रवार को ही जमाखोरी का कार्य चालू कर दिया और अपने सामानों की कीमतों में दुगना टिकना चौगना पैसा वसूलने का मामला सामने आया है।जबकि स्थानीय प्रशासन को व्यक्तिगत तौर पर पूर्व में ही सूचना दे दी गई थी पर प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई होती नजर नहीं आ रही है और ब्लैक बजारी जमाखोरों के हौसले बुलंद है और जमाखोरों और ब्लैक बाजारी करने वालों का तो यह मानना है कि अभी और लगेगा लॉकडाउन बढ़ेगी अभी कर्फ्यू की तारीखें ऐसे में पान गुटखा बीड़ी तंबाकू सहित अन्य खाद्य पदार्थों पर भी जमाखोरी और ब्लैक बजारी चल रही है जिन चीजों पर अंकुश लगाना था उन चीजों पर अंकुश नहीं लगा पा रही है सरकार और प्रशासन आमजन की दुकानें तो बंद कर दी गई है पर लक्ष्मणगढ़ में शराब के ठेके पर से कभी भी शराब ले सकते हो शराब के ठेके के बाहर एक चारपाई लगाकर भाड़े का मजदूर को ला करके चारपाई पर पटक दिया 24 घंटे उसको पैसे दो और शराब लो अगर प्रशासन चाय तो उसे घर भिजवा सकता है उस पर अंकुश लगवा सकता है पर प्रशासन को तो पता नहीं क्या शराब बिकवाली है क्या शराब से कोरोना काल में धंदे पानी सब चौपट है और शराबी व्यक्ति शराब पीकर आए तो क्या माहौल होगा अपने बीवी वे बच्चों की मेहनत मजदूरी की गाढ़ी कमाई को वह दारु पीने में लगाएं वैसे ही कर्फ्यू में कोई काम धंधा नहीं बात करें सब्जी की तो सब्जी के भाव आसमान को छू रहे हैं ₹8 किलो की ककड़ी जो कि ₹40 किलो बेची जा रही है ₹4 किलो के टमाटर जोकि ₹20 किलो बिकती जा रहे हैं ऐसे में हर व्यक्ति अपने ब्लैक बाजारी पर लगा हुआ है प्रशासन को चाहिए कि इनके ऊपर कड़ी निगरानी रखी जाए ताकि गरीबों की जेब तो ना कटे इन जमाखोरों पर अंकुश तो लगे मामा जयंती का तो यह हाल है व्यक्ति अपनी दुकान से नहीं अपने गोदाम और घरों पर व्यापार करने में लगे हुए हैं और रात्रि को 9:00 बजे बाद अपने मकान को भेजते हैं कोई व्यक्ति सुबह 5:00 बजे 4:00 बजे ही माल को भेजता है मामा जयंती के थोक डीलरों ने गांव-गांव में सप्लाई देने का कार्य शुरू करवा दिया है और वहां ₹420 की मामा का पैकेट ₹1000 में बेचैन किया जा रहा है ऐसे में क्या प्रशासन इनके ऊपर अंकुश लगा पाएगा कहां गए नियम और कायदे ध्यान दें स्थानीय प्रशासन यहां बराबर मंडी टैक्स चोरी की जा रही है रात्रि कालीन वैगर बिल्टी के बगैर बाउचर के किसानों की खून पसीने की कमाई पर मंडी टैक्स चोरी कर उसे अंतर राज्य व्यापार किया जा रहा है शासन प्रशासन को चाहिए कि मंडी में सीसी कैमरे लगे होने चाहिए और इनकी देखरेख होनी चाहिए जालूकी चौकी, बड़ौदामेव पुलिस थाने पर रात्रि कालीन निकलने वाले सभी ट्रकों की चेकिंग हो ताकि पता लगे कितना मंडी टैक्स चोरी हो रहा है पर क्या करें सब मिलीभगत का खेल प्रशासन खेल।।।