खैरथल में रेलवे हाईटेंशन गार्ड के नीचे आक्सीजन सिलेंडरों से भरा ट्रोला फंसा
टायर ट्यूब की हवा निकाल वाहन को वापस किया
खैरथल (अलवर,राजस्थान/ हीरालाल भूरानी) अलवर-रेवाडी रेल खण्ड पर खैरथल कस्बे की आबादी के मध्य गुजरने वाले भिवाडी-कोटपुतली (एन.एच.8)टोल रोड पर स्थित रेल फाटक संख्या 93 पर दोनों ओर लगे हाईटेंशन इलैक्ट्रीकल लाइन की सुरक्षा के लिए लगे लोहे के सेफ्टीगार्ड के नीचे गुरुवारको आक्सीजन सिलेंडरों से भरा एक ट्रोला फंस गया। ट्रोला फंस जाने से इस फाटक से जुडे पांचों रास्तों पर जाम के हालात बन गये ।
रेलवे गेटमैन प्रतापसिंह की सूचना पर रेलवे सुरक्षा बल थाना अलवर के क्राइम पैट्रोलियम कांस्टेबल मुकेश कुमार गुर्जर ने मौके पर पहुंच कर ट्रोला चालक मौहम्मद वसीम को सलाह दी कि टायर ट्यूब की हवा कम कर ट्रोला को वापिस ले।
इसी दौरान पीछे से ओवरटेक कर निकल रहे विशाल ट्रोला का टायर फट गया उसे गुजारने के बाद चालक ने ट्यूब टायर में हवा कम कर ऊचाई कम करने के बाद फंसे हुए ट्रोले को पीछे वापिस लिया और वह किशनगढबास होते अलवर होकर जाने के लिए रवाना हो गया। सात बडे आक्सीजन सिलेंडरों से भरा यह ट्रोला गाजियाबाद(हरियाणा)से बलोच(गुजरात) को जा रहा है।
चालक वसीम का कहना था कि उसके वाहन में भरा सामान निर्धारित ऊचाई के दायरे में है, खैरथल में लगा सेफ्टी गार्ड अवरोधक ही निर्धारित ऊचांई से कम है। गौरतलब है कि खैरथल के इस रेलवे फाटक पर पहले भी अनेकों वाहन ऊचांई के कारण फंसे हैं जबकि ऊचाई वाले बहुत से वाहनों को वापिस लौट कर लंबा फेर चलकर अलवर ओवरब्रिज - सरिस्का होकर शाहजंहापुर जाकर नेशनल हाईवे नंबर8 8 पकडने की क्षजबूरी झेलनी होती है।
उधर नागरिकों का कहना है कि रेल विभाग को इस सेफ्टी गार्ड अवरोधक की ऊचाई जांच लेनी चाहिए ताकि पता लगे कि कहीं ऊचाई निर्धारित से कम तो नहीं रह गई है।