कोरोना एडवाइजरी के अनुसार मनाया 74 वा स्वतंत्रता दिवस, आजादी के बाद पहला मौका जब राष्ट्रीय समारोह पर नहीं हुआ जश्न

Aug 16, 2020 - 00:44
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कोरोना एडवाइजरी के अनुसार मनाया 74 वा स्वतंत्रता दिवस, आजादी के बाद पहला मौका जब राष्ट्रीय समारोह पर नहीं हुआ जश्न

बयाना,भरतपुर 
बयाना (15 अगस्त)। देश की आजादी के महापर्व 74 वे स्वतंत्रता दिवस पर शनिवार को कस्बा सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भी विभिन्न संगठनों व शिक्षण संस्थाओं की ओर से अलग अलग कार्यक्रमों के आयोजन किए गए। जिनमें सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों सहित शिक्षकों व अन्य लोगों ने भी भाग लिया। देश की आजादी के बाद यह पहला मौका है जब ऐसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय महापर्व पर किसी सार्वजनिक या रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन नहीं हो सके। बताया गया कि कोरोना संकट से उत्पन्न हालातों व कोरोना एडवायजरी की पालना को ध्यान में रखते हुए यह महापर्व इस बार साधारण रूप से मनाया गया।

इस अवसर पर हरवर्ष की भांति इस बार भी ब्लॉक स्तरीय सामूहिक समारोह का आयोजन नगर पालिका मंडल की ओर से यहाँ के ऐतिहासिक बागड़ फील्ड में किया गया।जिसमें उपखंड अधिकारी सुनील आर्य ने राष्ट्रगान के साथ राष्ट्रीय ध्वज फहराया व सशस्त्र पुलिस की टुकड़ी ने सलामी दी।इस ब्लॉक स्तरीय सामूहिक समारोह में भी इस बार किसी भी तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों व एन सी सी परेड एवं पी टी प्रदर्शन आदि कार्यक्रमो के आयोजन भी नहीं हो सके।

इस समारोह में पुलिस, प्रशासन,राजस्व, पंचायतीराज ,चिकित्सा, शिक्षा,आदि विभागों के अधिकारियों कर्मचारियों व कुछ नागरिकों ने भी भाग लिया।इससे पहले वहाँ आने वाले सभी लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग व सेनेटाइजिंग भी कराई गई। इस अवसर पर राज्य सरकार की ओर से उपखंड अधिकारी ने भी उपस्थित लोगों को संबोधित किया व नशा मुक्ति के लिए शपथ दिलाई एवं पौधरोपण भी किया। इस सामूहिक समारोह में इस बार स्कूली बच्चों व बुजुर्गों एव आमजन की अनुपस्थिति रहने से और बार जैसी भीड़भाड़ व उत्सव और उत्साह जैसा माहौल नहीं बन सका। कोरोना एडवाइजरी का विशेष ध्यान रखा गया। कई लोगों का कहना है कि देश की आजादी के बाद ये पहला मौका है जब राष्ट्रीय महापर्व को भी अन्य धार्मिक त्योहारों की भांति इस बार साधारण रूप से मनाना पड़ रहा है। कई लोगों का यह भी कहना केंद्र सरकार ने कोरोना नियंत्रण के लिए देरी करने के बजाय समय पर ही आवश्यक उपाय कर लिए होते तो देश में आज शायद ऐसे हालात नहीं बनते।

  • बयाना से राजीव झालानी की रिपोर्ट

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