माना उस महिला के दामन पर शायद दाग लगा हो लेकिन, खाकी वाला भी तो चरित्रवान नहीं
रैप मामले में आरोपी ASI रामजीत को कोर्ट से मिली अग्रिम जमानत
अलवर (राजस्थान/राजीव श्रीवास्तव) एक वर्दी पर महिला ने देहशोषण का आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज कराया।आरोपी वर्दीवाला पुलिस को गच्चा देकर फरार हो गया।फरारी के दौरान उसने वकीलों के मार्फ़त अदालत में अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई और उसे अग्रिम जमानत का लाभ मिल गया।पुलिस की टीम आरोपी को पाताल में खोजती रही लेकिन अब पुलिस को राहत मिल गई है।यह अब तक की कानूनी कार्रवाई रही।हालांकि महिला थानाप्रभारी चौथमल ने कागजी कार्यवाही पुख्ता भी कर ली थी।
असल में इस मामले में अग्रिम जमानत मिलने की एक वजह यह भी हो सकती है कि महिला ने इससे पूर्व भी कई मुकदमें दर्ज करा रखे है।माना महिला के चरित्र में दाग हो लेकिन अग्रिम जमानत का लाभ ले चुका भी चरित्रवान कतई नहीं हो सकता।किसी भी मामले में जमानत मिलने या नहीं मिलने की अनेक वजह हो सकती है लेकिन जमानत मिलने का यह कतई अर्थ नहीं होता कि आरोपी निर्दोष साबित हो चुका।अंतिम निर्णय अदालत का ही मान्य होगा।
जिले में अनेक स्थानों पर बसी बस्तियों में पहुंचने वालों को पुलिस गिरफ्तार करती है।यहां पर पुलिस अमूमन उसे ही दोषी मानती जो उन बदनाम बस्तियों पर पहुंचता है।इसी तरह इस मामले भी शायद वर्दी वाला ही दोषी ही है।बहरहाल, दुष्कर्म के आरोपित को अग्रिम जमानत मिलने से उसे राहत मिली है और उसे खोजने के लिए निकली पुलिस टीम की तगड़ी फजीहत हुई है।आमजन ने सवाल करना शुरू कर दिया है कि क्या पुलिस ने अग्रिम जमानत दिलवाने के लिए ही तो ढिल नहीं बरती थी इसके ठीक पलट खेड़ली थाने में तुरन्त सब इंस्पेक्टर की गिरफ्तारी हो जाती है।आमजन की मानें तो दोनों मामलों में पुलिस का अलग अलग नजरिया रास नहीं आ रहा है।