जुम्मा की नमाज के बाद सुन्नी जामा मस्जिद में होगी कुरआन ख्वानी
मकराना (नागौर, राजस्थान/ मोहम्मद शहजाद) आलमी शोहरत याफ्ता कारी के इसाले सवाब के लिए शुक्रवार को जुम्मा की नमाज़ के बाद सुन्नी जामा मस्जिद में कुरआन ख्वानी का एहतमाम किया गया है। सुन्नी जामा मस्जिद के इमाम मौलाना शमसुद्दीन कादरी ने जानकारी देते हुए बताया कि 16 जनवरी 2022 को यह खबर मिली थी कि इंटरनेशनल नात ख्वां और कारी हजरत कारी रियाजुद्दीन अशरफी लन्दन व मानचेस्टर के बीच कार हादसे में शहीद हो गए। वह सुन्नी दावते इस्लामी की ओर से प्रोग्राम के लिए वहां गए थे। चूंकि वह हमारे राजस्थान के बीकानेर के रहने वाले थे। पूरे भारत मे चन्द आलमी शोहरत याफ्ता कारी में से एक थे। उन्होंने पूरी दुनियां में बीकानेर सहित राजस्थान का नाम रोशन किया। इस्लाम के प्रचार प्रसार के लिए वह अपनों और बेगानों में बहुत लोकप्रिय थे। उनकी शहादत अहले सुन्नत के लिए खुशी व गम का संगम रही है। गम इसलिए कि हमने बहुत कीमती हस्ती को खो दिया, खुशी इसलिए कि शहादत का दर्जा मिला। मौलाना ने बताया सुन्नी जामा मस्जिद में जुम्मा की नमाज़ के बाद कोरोना गाइडलाइन की पालना करते हुए कुरआन ख्वानी रखी गई है। कारी साहब के घर वालों के गम में बराबर के शरीक है।