विरोध के बाद खुली प्रशासन में राजस्व विभाग की नींद,पंचायत समिति की भूमि को किया पंचायत समिति के ही नाम
कामां /भरतपुर / हरिओम मीना --
कामा कस्बे के बस स्टैंड स्थित पंचायत समिति की भूमि का किस्म परिवर्तन कर ईदगाह दर्ज किए जाने व सांड घर की भूमि को आबादी व्यवसायिक श्रेणी दर्ज किए जाने के बाद उभरे विरोध के बाद प्रशासन व राजस्व विभाग के अधिकारियों की नींद खुली और सोमवार को राजस्व रिकॉर्ड खंगाल कर भूल सुधार करते हुए पंचायत समिति भूमि को पंचायत समिति के नाम का दर्ज कर दिया गया जबकि सांड घर की भूमि मे हुई त्रुटि को सुधारने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई |
उपखंड अधिकारी विनोद कुमार मीणा ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि पंचायत समिति के विकास अधिकारी केके जैमन द्वारा पंचायत समिति के राजस्व रिकॉर्ड में पंचायत समिति की भूमि की किस्म ईदगाह दर्ज होने की लिखित शिकायत दर्ज की गई थी जिस पर तहसीलदार व राजस्व अधिकारियों को तलब कर रिकॉर्ड की जांच की गई थी एसडीएम ने बताया कि ऑफलाइन रिकॉर्ड में पंचायत समिति की भूमि पंचायत समिति के ही नाम दर्ज है ऑफलाइन को ऑनलाइन करते समय कंप्यूटर सॉफ्टवेयर व लिपिकीय त्रुटि के कारण यह भूमि पंचायत समिति की जगह ईदगाह दर्ज हो गई थी जिसमें भूल सुधार कर अब इसे पंचायत समिति के नाम दर्ज कर दिया गया है एसडीएम ने बताया कि सांड घर भूमि भी इसी प्रकार की मानवीय भूल के कारण आबादी व्यवसायिक श्रेणी दर्ज हो गया है जिसे सुधारने की प्रक्रिया शुरू कर दी है गई है तहसीलदार द्वारा एक-दो दिन में इस भूल को भी सुधार कर भूमि को पहले की तरह ही सांड घर के नाम कर दिया जाएगा दिया जाएगा|
उल्लेखनीय है कि पंचायत समिति व सांड घर की भूमि के किस्म परिवर्तन की जानकारी मिलने पर कस्बा वासियों सहित सामाजिक संस्थाओं व जनप्रतिनिधियों कड़ा ऐतराज जताया था पूर्व मंत्री जवाहर सिंह बेढम,पूर्व मंत्री मदन मोहन सिंघल, बजरंग दल के प्रांत गौ रक्षा प्रमुख रामेश्वर कलावटा व सामाजिक कार्यकर्ता विजय मिश्रा सहित अन्य लोगो ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर पंचायत समिति की भूमि को पंचायत समिति व सांड घर की भूमि को सांड घर के ही नाम किए जाने की मांग की थी|