हाथरस में कथित सामूहिक बलात्कार की घटना की सच्चाई सामने आजाद मंच भारत ने जातिवादी रंग देने की करी निंदा पीड़ित को मिले न्याय
जयपुर, राजस्थान
विगत सप्ताह उत्तर प्रदेश के हाथरस की एक दलित लड़की के साथ कथित सामूहिक बलात्कार, जबान काटने, रीड की हड्डी तोड़ने, घटना को लेकर झूठी अफवाहों के साथ चल रहे मीडिया पर जातिवादी रंग देने के प्रयास के साथ राजनीतिकरण की आजाद मंच भारत ए सिविल सोसाइटी ऑफ इंडिया के रास्ट्रीय अध्यक्ष राना ठाकुर व उपाध्यक्ष तथा राजस्थान प्रभारी देशबंधु जोशी सहित अन्य ओदधिकारियों ने कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि जिस पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर हुई लड़की के गला दबाने की घटना के बाद इस तरह कथित सामूहिक बलात्कार कमर तोड़ देना, बेरहमी से मार पिटाई करना, जबान काट देना जैसी कथित रूप से प्रचारित घटना की फॉरेंसिक जांच के बाद आ रही सच्चाई स्वयं उत्तर प्रदेश पुलिस प्रशासन द्वारा गहनता से निष्पक्ष गंभीरता से जांच मैं आ रही है सामने। चर्चित कथित जातिवादी रंग देने के उद्देश्य को लेकर घटना की सच्चाई काफी स्पष्ट होती जा रहा है जिसमे यू पी पुलिस के उच्च अधिकारियों द्वारा जारी अधिकृत न्यूज से स्पष्ट हो रहा है कि नहीं तो कोई बलात्कार हुआ, ना जवान काटी गई, ना बेरहमी से मारपीट की गई बल्कि इसे जातिवाद का रूप देने के लिए सामाजिक विघटन के उद्देश्य से प्रतीत हो रहा है कि लड़की की सुनियोजित हत्या की जांच मैं फॉरेंसिक रिपोर्ट से आई सच्चाई सामने। इधर इस घटना को लेकर साथ ही इस कथित रूप से मीडिया पर प्रचारित समाज विशेष द्वारा इसे जातिवाद का रंग देकर धरना प्रदर्शन , ज्ञापन, कैंडील जुलुस निकालना और समाज विशेष के नेताओं द्वारा इसे राजनीतिक रूप देना निंदा जनक है। इसके साथ ही मंच की राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट हंसा पांडे ने कहा कि जब तक सच्चाई का पता नहीं लगे किसी भी समाज को इस तरह से अफवाहों को लेकर उग्र होना देश व समाज हित में नजर नहीं आता। इस घटना को लेकर विगत दिनों से देखा जा रहा है कि चारों तरफ इस घटना का राजनीतिक सामाजिक रूप देकर समाज विशेष , पार्टी विशेष के कार्यकर्ता यहां तक कि जनप्रतिनिधि और सरकार के मंत्री भी इस को तूल देने में लगे हुए दिखाई दिए। रोज विज्ञप्ति जारी कर फोटो सहित समाचार प्रकाशित होते दिखाई दिए और जैसी घटना की सच्चाई सामने आ रही है वैसे ही अब इन लोगों के पास में कोई जवाब नजर नहीं आ रहा।
आजाद मंच के पदाधिकारियों का कहना है कि इस मामले की अगर और वैज्ञानिक विधि से नार्को टेस्ट मृतक लड़की के परिवार जनों का होता है तो तो स्थिति साफ हो जायेगी। और एक घिनोनी साजिस का पर्दा हटने की पूरी संभावना है। तथ्यों से गंभीरता से सरकार जांच होंगी तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आने की संभावना दिखाई दे रही है। आजाद मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर सहित अन्य पदाधिकारियों ने पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने की शासन - प्रशासन से पुरजोर मांग की है
- देशबंधु जोशी की रिपोर्ट