रैफरल चिकित्सालय में सीबीसी मशीन अक्सर रहती हैं खराब, निजी लैब संचालक काट रहे मरीजो की जेब
डीग (भरतपुर, राजस्थान) ड़ीग कस्बे के रैफरल चिकित्सालय की सीबीसी जांच मशीन के आए दिन खराब रहने के चलते रोगियों को निशुल्क सी बी सी जांच की सुबिधा नही मिल पा रही । तथा रोगियों को निजी लैबो पर जांच कराकर अपनी जैब कटवानी पड़ रही है । चिकित्सको द्वारा ज्यादातर रोगियो की जरूरत के मुताविक सीवीसी की जांच कराई जाती है। लेकिन चिकित्सालय की सी वी सी मशीन अक्सर खराब रहने के कारण प्रतिदिन सैकड़ों रोगियो को निजी लैबों पर सीवीसी करानी पड़ रही है । वताया जाता है कि चिकित्सालय की सी वी सी मशीन पुरानी हो चुकी है। जिसके चलते कि वह आए दिन खराब हो जाती है जिस पर चिकित्सालय प्रशासन उसे बार-बार बाहर से इंजीनियर बुलाकर मशीन को सही कराता चुका है। देखने मे आया है कि अब तोअधिकतर समय यह मशीन खराब ही पड़ी रहती है। चिकित्सालय में रोगियों को मिलने वाली सुविधाओ का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि इस कोरोना काल में भी कस्बे के एक मात्र चिकित्सालय में संसाधन दुरुस्त नहीं है। क्षेत्रीय प्रतिनिधी व अधिकारी लोगो को सुविधाएं एव विकास के लंबे-लंबे दावे करते हैं।लेकिन धरातल पर देखे तो हकीकत कुछ ओर ही नजर आती है । निजी लैब संचालक रोगियो से सीबीसी जांच के 100 रुपये से लेकर 150 रूपए तक वसूल कर चांदी कूट रहे हैं ।जबकि मुख्यमंत्री जांच योजना के तहत करीब 36 प्रकार की जांच निशुल्क होती है ।जिसमें सीवीसी की जांच मुख्य है।
रैफरल चिकित्सालय प्रभारी डॉ नंदलाल मीणा का कहना है कि - चिकित्सालय की सीबीसी मशीन बर्ष 2011 में क्रय की गई थी जो अब पुरानी हो चुकी है। जिसके कारण वह बार-बार खराब होती है। जब भी मशीन खराब होती, हमारें द्वारा कंप्लेन दर्ज कराने पर इंजीनियर आता है और सही कर जाता है ।लेकिन 4 से 5 दिन के बाद मशीन फिर खराब हो जाती है ।
- रिपोर्ट:- पदम जैन