कोरोना जंग के सुपर हीरो डॉ. मुरारीलाल सैनी ने 4 दर्जन कोविड संदिग्ध रोगियों को दिया जीवनदान
ग्रामीण करेंगे डॉ. एवं नर्सिंग कर्मियों का सम्मान, जाखल गांव के अस्पताल में सेवारत है. डॉ. मुरारीलाल
जाखल (उदयपुरवाटी, झुंझुनू, राजस्थान) काेराेना महामारी में डॉक्टरों ने जो समाज सेवा का कार्य किया हैं. वह अनुकरणीय एवं अद्वितीय है. चिकित्सकीय पैसा हमेशा से समाज सेवा की रही है. काेराेना काल में चिकित्सकों के इस सेवाभावी जज्बे को कभी भुलाया नही जा सकता! चिकित्सक समुदाय ने अपने घर परिवार की परवाह किए बिना पूर्णतया निष्ठा के साथ संक्रमित लोगों की सेवा करने वाले चिकित्सक किसी योद्धा से कम नहीं है. चिकित्सक के कठिन एवं कर्मठ प्रयास से लगातार काेराेना के मरीजाे के इलाज मे दिन - रात एक करने वाले चिकित्सक सबसे अधिक एक्सपाेज्ड हैं इसके चलते वे स्वयं काेराेना से संक्रमित भी हुए है. हम बात करते हैं. एक ऐसे डॉक्टर के बारे में जाे खुद नॉट आउट रहते हुए काेराेना संक्रमण की बाउंड्री पार करके वापिस अस्पताल के मैदान में बैटिंग करने उतरे हैं.वे हैं. डॉ. मुरारीलाल सैनी! जिनके जज्बे काे जाखल गॉव के लाेग ही नहीं अपितु काेविड संदिग्ध रिकवर हुए करीब चार दर्जन से अधिक राेगी भी सलाम करते हैं.
राजकीय गाेरादेवी - जाेधराज साैंथलिया सामुदायिक अस्पताल मे चिकित्सा प्रभारी के पद पर सेवारत डॉ. मुरारीलाल सैनी मूलत: फुलेराव नगर (नवलगढ )के रहने वाले हैं. श्याेपाली देवी के काेख से 16 सितम्बर 1990 काे जन्मे डॉ. मुरारीलाल सैनी के पिता भगवती प्रसाद सैनी एक कृषक हैं. उनकी प्राथमिक शिक्षा सेवादास की ढाणी मे तथा एस.एन स्कूल नवलगढ़ में हुई .तत्पश्चात पीएमटी परीक्षा उत्तीर्ण कर ऑल राजस्थान में 25 वीं रैंक हासिल कर जयपुर एसएमएस मेडिकल कॉलेज से डिग्री प्राप्त की. बचपन से ही हाेनहार थे. तथा चिकित्सा सेवा मे आने का जुनुन था. इन्होंने कोरोना कॉल मे लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ ओपीडी रोगियों की देखरेख करने के अलावा कोविड-19 संदिग्ध करीब 45 रोगियों का चिकित्सकीय संसाधन जुटाकर अपने सहयोगी चिकित्सकों व नर्सिंग कर्मियों के साथ मिलकर उन्हें नया जीवन प्रदान किया.ऐसे काेराेना की जंग मे सुपर हीराे बने डॉ. मुरारीलाल सैनी की सेवा काबिले तारीफ हैं. काेराेना कॉल मे चिकित्सकाे के सामने एक तरफ बचने की चुनौती थी ताे दुसरी तरफ राेगियाे की देखभाल करना भी जरुरी था. ऐसे में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. मुरारीलाल सैनी ने अपने साथी चिकित्सकाे व नर्सिंग स्टाफ काे साथ लेकर राेगियाे का इलाज करना जारी रखा. लेकिन ऑक्सीजन जैसे संसाधनाे के अभाव मे उन्हें काफी चुनाैतियाे का सामना करना पड़ा मगर काेराेना जंग नहीं हारी.
काेराेना योद्धा के रुप में कार्य करने वाले सहयाेगी चिकित्सक डॉ. सुनील गुप्ता, डॉ. दीपेंद्र बुगालिया, डॉ. अमन लाम्बा, डॉ. चंद्रप्रकाश ढाका, डॉ. सुभानी चाेहान मेल नर्स भवानी सिंह, कुलदीप, विजय कुमार, सुरेंद्र सिंह, फिमेल नर्स अंबिका, रेडियाे ग्राफर पुजा दुलड, फार्मासिस्ट धर्मपाल सिंह, सुनील स्वामी, वरिष्ठ लेब टेक्नीशीयन मनीराम कुल्हरी, देवेंद्र सिंह, शक्ति सिंह, लोकेश कुमार, संजय कुमार. मोनिका, एएनएम राजकुमारी, एलएचवी शारदा देवी, स्टाफ नर्स मीना देवी, सुमेर कंवर, सरिता, राजू सेन, दयानन्द सहित आशा वर्कर व सहयोगनियाे की महत्वपूर्ण भूमिका रही हैं, चिकित्सक डॉ. मुरारीलाल सैनी ने बताया कि ये समय एकजुटता के साथ काेराेना से संघर्ष करने का है. इसलिए अपनी तकलीफाे काे भुलकर लाेगाे की सेवा करने का अवसर मिला. जिसे बेखुबी निभाया हैं. उन्हाेनें बताया कि काेराेना काल से जुझ रहे हमारे समाज के लाेगाे काे स्वस्थ रखना ही हमारी सेवा का कर्तव्य हैं. चिकित्सकाें व नर्सिंग कर्मियों ने काेराेना कॉल मे पीडित राेगियाे की देखरेख कर उनका इलाज करने का जाे संदेश दिया है. उसे देखकर जाखल गांव के लाेग अभिभूत है. ग्रामीणों द्वारा शीघ्र ही कोरोना योद्धा चिकित्सकों व नर्सिंग कर्मियों का सम्मान किया जाएगा|
- रिपोर्ट- सुमेर सिंह राव \ ओम प्रकाश सोनी