राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी को गालियां देने वाले और देश में नफरत फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की माँग
सूरजगढ़ (झुंझुनूं, राजस्थान/ सुमेरसिंह राव) गाँधी दर्शन समिति सूरजगढ़ के संयोजक एडवोकेट दीपक कुमार सैनी के नेतृत्व और आदर्श समाज समिति इंडिया के तत्वाधान में सूरजगढ़ तहसीलदार मांगेराम पूनियां को महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी को गालियां देने वाले और देश में नफरत फैलाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की माँग उठाई। ज्ञापन देने वालों में सूरजगढ़ अभिभाषक संघ के अध्यक्ष एडवोकेट अशोक कुमार शर्मा, आदर्श समाज समिति इंडिया के अध्यक्ष धर्मपाल गाँधी, अभिभाषक संघ के महासचिव एडवोकेट सुरेश कुमार दानोदिया, एडवोकेट भारत भूषण, परमेश्वर सैनी, विनोद सैनी, पवन कुमार, एड. दीपक कुमार सैनी, एडवोकेट मनोज डिग्रवाल, बलवान, आनंद शर्मा, अजय जांगिड़, मुकेश कुमार, सचिन शर्मा, ओमप्रकाश आदि अन्य लोग मौजूद रहे।
गांधी दर्शन समिति सूरजगढ़ के संयोजक एडवोकेट दीपक कुमार सैनी ने कहा- कुछ लोग महापुरुषों को गालियां देकर देश में अशांति का माहौल बना रहे हैं। सरकार को अविलंब उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। महात्मा गांधी को गाली देकर मशहूर होना आम बात हो गई है। वर्तमान परिपेक्ष्य में नेता, अभिनेताओं के अलावा विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को गाली देते हुए व अपशब्द कहते नजर आ रहे हैं। अब तो साधु संत भी राष्ट्रपिता को गाली देने लगे हैं। हालांकि राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी को गाली देने वाला व्यक्ति संत नहीं हो सकता है। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी भारतीय इतिहास के एक ऐसे महापुरुष हैं, जिन्होंने देशहित के लिए अंतिम साँस तक लड़ाई लड़ी थी। वे स्वाधीनता आंदोलन के ऐसे महानायक थे, जिन्होंने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर देश को आजादी दिलाई। आदर्श समाज समिति इंडिया के अध्यक्ष धर्मपाल गांधी ने कहा- पूज्य गाँधी जी ना सिर्फ हमारे देश के अभिमान है। अपितु समूचे विश्व में उनकी विचारधारा से लोग नतमस्तक हैं। जिन्होंने अहिंसा और सत्याग्रह के बल पर देश को विपरीत परिस्थितियों में आजादी दिलाई। लेकिन देश में जिस तरह के हालात हैं, लोगों में भेदभाव करने, वर्गों को बांटने और समाज में जहर घोलने का काम हो रहा है उसी का यह परिणाम है कि आज देश को आजादी दिलाने वाले और सभी धर्मों का सम्मान करने वाले महापुरुष पर ही उंगली उठाई जा रही है और उसे गाली दी जा रही है। यह तमाम स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है, तथा बेहद शर्मनाक है! जिसकी सर्वत्र निंदा होनी चाहिए। जिस महापुरुष ने अपना सारा जीवन देश की आजादी और मानवाधिकारों के लिए समर्पित कर दिया आज उसी महापुरुष को उसी के देश में गालियां दी जा रही हैं। इससे बड़ी विडंबना और क्या होगी कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के खिलाफ कोई व्यक्ति निराधार, जहरीले विचारों और नफरत का प्रसार करे। किसी भी सोचने-समझने वाले जिम्मेदार नागरिक की नजर में यह अस्वीकार्य होगा और संबंधित क्षेत्र की सरकार और प्रशासन की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह नफरत फैलाने वाले उस व्यक्ति पर कानूनसम्मत कार्रवाई करे। विश्व इतिहास में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी से बड़ा कोई संत या महापुरुष नहीं हुआ है। महात्मा गाँधी सभी धर्मो का आदर करते थे। उनके आश्रम में सभी धर्म, वर्ग व समुदाय के लोग रहते थे। उन्होंने अपने जीवन में किसी को ठेस नहीं पहुंचाई। हम उनका अपमान सहन नहीं कर सकते हैं।
हम सरकार से माँग करते हैं कि राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी को गालियां देने वाले और नफरत फैलाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने की जाये ताकि देश में शांति बनी रहे और महापुरुषों के खिलाफ कोई अभद्र टिप्पणी करने की कोशिश ना करें। आलोचना के नाम पर अभद्र टिप्पणी करने के इस चलन को बढ़ाने के लिए राजनीति और राजनेता ज्यादा उत्तरदायी हैं। इन्होंने ही सार्वजनिक मंचों से टिप्पणियां करके ऐसे लोगों की हिम्मत बढ़ाई है। अधिकांश मामलों में यह भी देखा गया है कि बाद में विवाद बढ़ने पर अक्सर वे लोग दिखावे के लिए माफी भी मांग लेते हैं। बीते कुछ वर्षो में कई नेता इस तरह के विवादित बयान देते रहे हैं। अब उन्हीं की राह पर सब चल पड़े हैं। यहां सवाल यह उठता है कि ऐसे बयान देने की आवश्यकता ही क्या है कि बाद में माफी मांगनी पड़े? आखिर बयानवीर नेता एवं संत यह क्यों नहीं सोचते कि कमान से तीर छूट जाए तो उसे वापस नहीं लिया जा सकता। महापुरुषों के खिलाफ अपशब्द कहने वाले लोगों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाना चाहिये।