फास्टटैग के बावजूद भी नेगडिया टोल नाके पर लगी रहती है लम्बी-लम्बी कतारे
राजसमंद (राजस्थान/ रंजीता सुथार) प्रदेश मे फोरलेन को ठेकेदारों मे मार्फत बनवाकर सरकार ने जनता को कम समय मे अधिक दूरी का सुरक्षित सफर देने की शुरुवात की है। लेकिन टोल संचालक अपनी मनमानी से बाज नही आ रहे है। राजसमंद के नेगडिया टोल नाके के हालात दिनोंदिन बत्तर होते जा रहे है।कुछ दिनों पूर्व सरकार ने नगद टोल को बंदकर फास्टटेग लगाने के आदेश जारी कर दिये। जिससे टोल नाकों पर कम समय लगे और राहगीरों की समय बचे।इसके साथ ही आये दिन टोलनाकों पर होने वाले विवाद से भी बचा जा सके। लेकिन राजसमंद से उदयपुर मार्ग पर नेगडिया टोल नाके पर फास्टटैग के बावजूद लम्बी-लम्बी कतारे लगी रहती है
जिससे वहां कम समय लगने के बजाय पहले से भी अधिक समय लग रहा है।जिससे लोगों को भारी परेशानी हो रही है।यही नही अन्य मार्ग से जाने या कारण पूछने पर टोल पर मौजूद बाउंसर गाली-गलौच और मारपीट पर उतारु हो जाते है।आमतौर पर अपने लक्ष्य पर पंहुचने की जल्दी मे लोग पुलिस मे मामला दर्ज नही करवाते। यदि कोई परिववादी पुलिस थाने पर जाता भी है तो पुलिस टोल संचालक से मिलीभगतकर परिवादी को टरका देती है।