सिंधी समाज की रक्षा के लिए सिंधी भाषा का विकास जरूरी- सांई लालभगत
खैरथल (अलवर,राजस्थान/ हीरालाल भूरानी) सिंधी भाषा के विकास के लिए संतो की भूमिका के विषय में भारतीय सिंधु सभा की ओर से जारी अभियान के तहत रविवार को भारतीय सिंधु सभा की बैठक मोठूका स्थिति साई दयाराम दरबार में साई लालभगत जी के सानिध्य में आयोजित की गई। भारतीय सिंधु सभा के प्रदेश मंत्री गिरधारीलाल ज्ञानानी ने बताया कि बैठक में सिंधी भाषा के विकास के लिए संतो की भूमिका के विषय में सभी सदस्यों ने विचार विमर्श किया। इस दौरान साई लालभगत जी ने कहा की सिंधी भाषा के विकास के लिए काफी समय से सत्संग-प्रवचनों एवं भजनों के माध्यमो से सिंधी समाज के लोगो को अपने परिजनों एव सगे संबंधियो के साथ सिंधी भाषा का प्रयोग करने पर जोर दिया जा रहा है और सभी श्रद्धालुओ को सिंधी भाषा के बचाव लिए प्रण दिलाया जाएगा। इस दौरान सरपंच नरेश भगत, बाबूलाल गोरवानी, दुर्गादास परवाना, प्रताप कटहरा, हीरालाल भूरानी ,विजय बच्चानी,दीपक देवजानी,अजित मंगलानी, टीकम केवलानी,लक्ष्मण मंगलानी, प्रभुदयाल चंदनानी, सोनू मंघनानी, ठाकुरदास गिदवानी, योगेश केवलरामनी, ताराचंद आसवानी, हरिराम रामानी, देवीदास गिदवानी ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किये। इनके बाद किशनगढ़बास में समाजसेवी परमानंद लख्याणी के नेतृत्व में भारतीय सिंधु सभा की बैठक कर किशनगढ़बास में झूलेलाल मंदिर के निर्माण के लिए भी विचार-विमर्श किया गया।