पंजाब से आए धरनार्थियों ने रोके खनन कर पत्थर ले जाते हुए भारी वाहन
किन्नर महामंडलेश्वर हेमांगी ने देश भर के किन्नरों के साथ आंदोलन की चेतावनी
डीग (भरतपुर, राजस्थान/ पदम जैन) डीग तहसील के गांव पसोपा में ब्रज के पर्वत कंकाचल व आदिबद्री को खनन मुक्त करने की मांग को लेकर साधू संतों व स्थानीय ग्रामीणों के चल रहे धरने के 48वें दिन गुरुबार को धरना स्थल पर भरतपुर में होने वाले प्रदर्शन में सम्मिलित होने के लिए अलग अलग स्थानों से लोगो का आना जाना लगा रहा। पंजाब के पटियाला व अमृतसर से 55 लोगों का एक जत्था धरना स्थल पर पसोपा पहुंचा। जिन्होंने कैथवाड़ा – डीग मार्ग पर अवैध रूप से खनन कर पत्थर ले जा रहे भारी वाहनों को रोक कर कंकाचल व आदिबद्री पर हो रहे विनाशकारी खनन का विरोध किया। समिति के संरक्षक राधाकान्त शास्त्री ने बताया कि शुक्रवार को होने वाले प्रदर्शन में बड़ी तादाद में साधू संत, ग्रामवासी, जनप्रतिनिधि आदि सम्मिलित होकर प्रशासन के भ्रष्ट,नकारात्मक व गैरजिम्मेदाराना रवैये को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करेगें व प्रशासन द्वारा खनन माफियों को अनैतिक लाभ पहुचाने के लिए किए जा रहे असंवैधानिक एवं अन्यायपूर्ण कार्यों को सरकार, मीडिया व जनता के समक्ष रखेगें। गुरुवार को आदिबद्री धाम में सम्पन्न हुई संतों की बैठक में शुक्रवार को होने वाले प्रदर्शन को ले कर गंभीर विचार विमर्श किया गया। महन्त शिवरामदास ने कहा कि संतों ने निर्णय लिया है कि शुक्रवार जिलाधिकारी व प्रशासन का घेराव कर उनसे उन्होंने जो हमारी धरोहर एवं पौराणिक परम्परा के स्तंभ इन पर्वतों का नाश किया है, उसका पूरा हिसाब माँगा जायेगा । उन्होंने बताया कि अधिकतर सभी धरनार्थी डीग मे इक्कठे हो कर एक रैली के रूप में भरतपुर पहुंचेंगें व कलेक्ट्रेट पर जा कर प्रदर्शन करेगें ।
अखिल भारतीय किन्नर समाज व देश की प्रथम किन्नर महामंडलेश्वर हेमांगी ने भी आन्दोलन की दी चेतावनी -
वृन्दावन मे चल रही कुम्भ पूर्व बैठक में अखिल भारतीय किन्नर अखाड़े की प्रथम किन्नर महामंडलेश्वर हेन्मांगी ने ब्रज के पर्वत कंकाचल व आदिबद्री पर हो रहे खनन को लेकर गहरा दुःख व्यक्त किया ।उन्होंने कहा कि वृन्दावन कुम्भ में हमे ज्ञात हुआ कि भगवान श्री कृष्ण की गौचारण व लीला भूमि रहे परम आराध्य पर्वत कंकाचल व आदिबद्री को खनन कर्ताओं द्वारा निर्ममता से नष्ट किया जा रहा है ।यह जान कर हमें असहनीय पीड़ा हुई है क्योंकि भगवान कृष्ण न केवल हमारे ईश्वर है अपितु हम उनकी अपने पति परमेश्वर के रूप में आराधना करते हैं ।उन्होंने चेतावनी देते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा किअगर शीघ्र ही कंकाचल व आदिबद्री पर्वत को खनन मुक्त नहीं किया गया तो हम देश भर के किन्नर सम्माज को आह्वान कर अपने आराध्य पति परमेश्वर की लीलास्थलियों व ब्रज के इन दिव्य पर्वतों की रक्षा के लिए विशाल आन्दोलन करने पर विवश हो जायेंगे । उन्होंने संभी किन्नर समाज के लोगों की ओर से राजस्थान सरकार से प्रार्थना की है कि तुरंत उक्त ब्रज के पर्वतों को खनन की विभीषिका से मुक्त कर इन पर्वतों को संरक्षित कर करोड़ों लोगो की भावनाओं का सम्मान करें ।