जयपुर से पहुंचे डीआईजी, आरक्षण आंदोलन की ली जानकारी
बयाना भरतपुर
बयाना 24 अक्टूबर। प्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक बीजू जाॅर्ज जोसफ व पुलिस उपमहानिरीक्षक हैदरअली जैदी शनिवार को जयपुर से अचानक बयाना पहुंचे। जहां उन्होनंे स्थानीय पुलिस व प्रशासन के अधिकारीयों के साथ बंद कमरे में बैठक कर बातचीत की। यह दोनों अधिकारी पूर्व में भरतपुर में आईजी व एसपी के पद पर तैनात रह चुके है। इस दौरान उनसे एक वर्ग विशेष के गिने चुने लोग भी मिले जिनसे भी उन्होंने आगामी एक नवम्वर को प्रस्तावित आंदोलन को लेकर बातचीत करते हुए समीक्षा की बताई। हालांकि इन लोगों का कभी अपने समाज की समस्याओं व मांगों के समाधान से कोई लेनादेना नही रहा है। अपने निजी स्वार्थों व अवैध धंधों के लिए इनमें से कुछ लोगों को लेकर हमेशा तरह तरह की चर्चाऐं समाज में होती रही है। पुलिस के स्थानीय अधिकारी भी पुलिस उच्चाधिकारीयों के आकस्मिक आगमन व बैठक को लेकर एक दूसरे पर जिम्मेदारी डालकर टालमटोल करते रहे और बताया कि यह अधिकारी अपनी निजी यात्रा पर आए थे। यू ंतो पुलिस व प्रेस के संबंध और संवाद को कायम रखने और परम्परा के अनुसार हमेशा पुलिस व प्रशासन के उच्चाधिकारीयों के आने पर मीडिया को सूचित किया जाता रहा है। किन्तु इस बार अधिकारीयों का यह आवागमन गुप्त बनाए रखने के प्रयास में मीडिया को इसकी कोई सूचना नही दी गई। बताया गया है गत 17 अक्टूबर को यहां के गांव अड्डा में हुई गुर्जर महापंचायत में उनकी मांगों की सुनवाई 31 अक्टूबर तक नही होने पर एक नवम्बर से राजस्थान भर में चक्काजाम आंदोलन किए जाने की चेतावनी दी गई थी। जिसे लेकर आंदोलन के समय की तिथी नजदीक आने के साथ ही शासन प्रशासन व पुलिस की सरगर्मी बढ गई है। और इसी सिलसिले में शनिवार को पुलिस के उपमहानिरीक्षक सहित अन्य अधिकारी भी बयाना पहुंचे और आंदोलन को लेकर आवश्यक सूचनाऐं जुटाने व लोगों की नब्ज टटोलने का प्रयास किया जा रहा है।गत 17 अक्टूबर को हुई महापंचायत को लेकर यहां पुलिस की ओर से कर्नल बैंसला व उनके पुत्र सहित 33 नामजद लोगों के विरूद्ध भी विभिन्न धाराओें के तहत मुकदमा दर्ज किए जाने के बाद भी अब गुर्जर समाज के लोगों में तरह तरह की चर्चाऐं होने लगी है। आगामी एक नबम्वर को प्रस्तावित आंदोलन को लेकर गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिती व समाज से जुडे लोग एवं गुप्तचर विभाग की टीम भी सक्रिय हो गई है। इधर सरकार की ओर से भी आंदोलनकारीयों की मांगों व आरक्षण एवं अब तक मिले लाभों आदि की समीक्षा भी की जा रही बताई है। इस मामले में राज्य सरकार का रूख काफी सकारात्मक बताया गया है। जानकार लोगांे की माने तो जब तक केन्द्र सरकार पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग को 9वीं अनुसूची में शामिल नही करेगी तब तक उनकी मांगों का निवारण असम्भव है।
बयाना संवाददाता राजीव झालानी की रिपोर्ट