कोरोना पर आस्था भारी यह है श्रद्धा हमारी
बयाना भरतपुर
बयाना 24 अक्टूबर। नवरात्रा सप्ताह के अंतिम दिनों में यहां कोरोना पर माता के भक्तों की आस्था भारी पडती देखी जा रही है। जिसका जीता जागता उदाहरण यहां के प्रमुख आस्थाधाम श्रीकैलादेवी झीलकाबाडा में देखा जा रहा है। जहां शनिवार को भी माता के भक्तों का भारी सैलाब उमड पडा जिससे वहां चैत्र मास के नवरात्रा के अंतिम दिनों की भांति लक्खी मेले जैसा नजारा बन गया था। एक मोटे अनुमान के अनुसार शनिवार को यहां 25 से 30 हजार लोगों ने आकर माता के दरबार में ढोक लगाई व दर्शन किए। जबकि देवस्थान विभाग के अधिकारीयों ने यह आंकडा लगभग 15 हजार बताया है। इस बार कोरोना महामारी के चलते यहां चैत्र मास के नवरात्रा में लगने वाले 15 दिवसीय मेले की भांति शारदीय नवरात्रा में लगने वाले मेले को भी स्थगित कर दिया गया था। इसके बावजूद भी यहां भक्तों की भारी भीड के चलते तीन दिनों से मेले जैसा नजारा बना हुआ है। रविवार को छुट्टी व नवमी होने की वजह से इस दिन भी भारी भीड उमडने की संभावना है। देवस्थान विभाग व पुलिस के सीमित संसाधनों के चलते भीड को काबू करना मुश्किल हो गया है। ज्ञात रहे भरतपुर राजपरिवार की कुलदेवी के रूप में पहचाने जाने वाले इस प्राचीन कैलादेवी झीलकाबाडा के प्राचीन मंदिर में सवा सौ साल के इतिहास में पहली बार इस तरह दोनों मेलों को स्थगित करना पडा है। कोरोना के चलते यह मंदिर करीब 7 माह से बंद था। जिसको शारदीय नवरात्रा आरंभ होने से पहले निश्चित शर्तों की पालना के साथ भक्तों के दर्शन के लिए खोला गया है।
इस बार तो कोविड 19 की गाइडलाइन की पालना के चलते माता के भक्तों को मंदिर में प्रवेश भी निषेध रखते हुए दूर से ही दर्शन कराए जा रहे है। जिससे माता के भक्तों में काफी बैचेनी है। उनका कहना है कि कोरोना की यह बीमारी विदेशों से आई थी। अगर केन्द्र सरकार ने जनवरी फरवरी के महीने में ही राज्य सरकारों की अदला बदली का खेल खेलने के बजाए इस बीमारी को रोकने व हवाई अड्डों पर स्क्रिनिंग व उपचार और बीमारी की रोकथाम के आवश्यक उपाए किए होते तो शायद देश में कोरोना के इतने विकराल हालात पैदा नही होते। शनिवार को इस मंदिर क्षेत्र में भक्तों की भारी भीड के चलते वहां अवैध रूप से दुकानें जमाए बैठे अतिक्रमणकारीयों ने श्रद्धालुओं से प्रसाद व पूजा सामग्री सहित अन्य चीजों की भी मनमानी कीमतें वसूल की वहीं कुछ लोगों ने वहां के संरक्षित वन क्षेत्र में अवैध रूप से पार्किंग लगाकर वहां आने वाले बाईक चालकों व चैपहिया वाहनों से पार्किंग के नाम पर जमकर लूटखसौंट की। विहिप नेता माखन पंडित व अन्य लोगों ने बताया कि इसकी शिकायत जब झीलचैकी पुलिस को की गई तो उन्होंने कोई सुनवाई नही की। उन्होंने बताया कि अवैध वाहन पार्किंग के नाम पर लूट खसौंट करने वाले लोगों का कहना था कि यह वाहन पार्किंग पुलिस की ओर से ही करवाई गई है और मनमाना शुल्क देना ही पडेगा। विहिप नेता ने श्रद्धालुओं की भीड व भावना को देखते हुए वहां अपने वाहनों से पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए देवस्थान विभाग व पुलिस की ओर से निशुल्क वाहन पार्किंग सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की। इधर इस बार रोडवेज की ओर से बसों के कोई प्रबंध नही किए जाने से यात्री भटकते रहे। जबकि निजी बस आपरेटर व डग्गेमार वाहनों ने मनमाना किराया वसूलकर चांदी कूटी।
बयाना संवाददाता राजीव झालानी की रिपोर्ट