सामाजिक विघटन पैदा करने वाले राजनीतिक दलों से मोहभंग कर नोटा द्वारा इनको सिखाना होगा सबक- देशबंधु जोशी
मंत्री शांति धारीवाल द्वारा ब्राह्मण समाज के अपमान की कठोर शब्दों में निंदा
जयपुर (राजस्थान) आजाद मंच भारत अमीरों से आरक्षण, काले कानून , राजनीतिक आरक्षण मुक्त भारत नेशनल मिशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तथा राजस्थान प्रभारी देशबंधु जोशी ने मंत्री शांति धारीवाल द्वारा ब्राह्मण समाज के विरुद्ध की गई टिप्पणी को लेकर गहरा आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह के सामाजिक विघटन कारी लोगों की जितनी निंदा की जाए कम है लेकिन सबसे बड़ी विडंबना यह है कि जब चुनाव आते हैं ब्राह्मण व सामान्य वर्ग समाज के लोग इन नेताओं राजनीतिक दलों के द्वारा समाज के साथ किए जा रहे अन्याय और अपमान को भूल जाते हैं और इन्हीं को बारी बारी से बदलने के लिए मतदान करते हैं । जोशी ने कहा अब आगामी चुनाव में इनको को सबक सिखाने के लिए हम को आरक्षण एवं काले कानून समर्थक राजनीतिक दल तथा व्यक्ति विशेष नेताओं से मोह भंग करना होगा और इन्हें सबक सिखाने के लिए स्वतंत्र अभिव्यक्ति तथा गुप्त मतदान का सदउपयोग इन राजनीतिक दलों तथा व्यक्ति विशेष को हराने जिताने के लिए नहीं बल्कि समाज के भविष्य के लिए सबक सिखाने के लिए करना होगा। उन्होंने कहा कि आज सभी दल एक थाली के चट्टे बट्टे साबित हो रहे हैं। समाज एक नहीं है अपने अपमान का बदला नहीं लेता इसलिए भाजपा कांग्रेस की सरकारों में बैठे मंत्रियों द्वारा ब्राह्मण समाज को लेकर की गई टिप्पणी निंदनीय है जोशी ने कहा कि प्रत्येक राजनीतिक दल तथा जनप्रतिनिधि अधिकांश लोग सवर्ण समाज को सरेआम अपमानित करने का प्रयास दलित व मुस्लिम तुष्टीकरण वोट बैंक राजनीति को बढ़ावा देने के लिए कर रहे हैं अब समय आ गया है कि सवर्ण समाज को आगामी चुनाव में कांग्रेस बीजेपी बसपा सपा सहित अमीरों के लिए निरंतर पोषक बने आरक्षण वह एसटी एससी एक्ट बिना जांच गिरफ्तारी जैसे काले कानून तथा देश की आजादी के 75 वर्षों बाद संसद व विधानसभाओं मैं राजनीतिक आरक्षण के साथ राजनीतिक दलों द्वारा श्रवण समाज को गुलामी की और धकेलने के लिए किए जा रहे प्रयास और अपमान का समाज के लोगों को स्वतंत्र अभिव्यक्ति गुप्त मतदान द्वारा इन राजनीतिक दलों का विरोध करके अंतिम विकल्प नोटा दबा कर लेना होगा सवर्ण समाज द्वारा प्रदान किया जाने वाला नोटा का एक-एक मत इन्हें सवर्ण समाज के खिलाफ बयानबाजी करने कानून बनाने को लेकर सबक सिखाएगा और ने सामान्य वर्ग समाज के सम्मान और अधिकार दिलाने के लिए मजबूर करेगा।