बच्चो के लिए फरिश्ता बने डॉ कमल दुआ
अलवर:- कहते है कि भगवान की दुआ के साथ साथ दवा भी जरूरी होती है यही दास्तान रामगढ़ निवासी हसीना के बच्चो की है। रामगढ़ गाँव के घिघोली बड़ा बॉस निवासी हसीना ने बताया कि उनके बच्चे बचपन से ही बोलते नही थे उन्होंने कई डॉक्टरों को दिखाया परन्तु किसी भी डॉ से मेरे बच्चों का इलाज संभव नही हो पाया वही एक दिन पास ही किराए के मकान में रहने वाले रेखा ने शहर के केशव नगर निवासी डॉ कमल दुआ के बारे में बताया जो एक मशहूर डॉ माने जाते है हसीना एक दिन अपने बच्चों को डॉ कमल दुआ के पास लेकर आई व अपने बच्चो के बारे में बताया डॉ कमल दुआ ने बच्चो को देखकर 6 महीने का टाइम दिया। डॉ कमल दुआ की दवाई के असर से हसीना के बच्चे 2 से ढाई महीने में ही बोलने लगे। अब इसे भगवान का चमत्कार करें या कुछ और । शहर के डॉ कमल दुआ ने बताया कि उनके पास रेखा नाम की महिला कार्य करती थी जो रामगढ़ निवासी हसीना के पड़ोस मे किराए के मकान में रहती है। उसने हसीना को मेरे इलाज के बारे में बताया और मैने बच्चो को देखकर 6 महीने में ईलाज से ठीक होने के लिए कहा. वही हसीना के बच्चे 2 से ढाई महीने मे ही बोलने लगे धीरे धीरे तीन महीने बीत गए एक दिन मै हसीना के घर चला गया मेने हसीना से पूछा कि अब तुम दवाई लेने नही आती हो तो हसीना ने कहा कि अब दवाई की क्या जरूरत डॉक्टर साहब भगवान की दुआ व आपकी दवा से मेरे बच्चे 2 महीने में बोलने लग गए