डॉ वीपी सिंह नरुका का RAS 2018 परीक्षा में चयन, क्षेत्र में दौड़ी ख़ुशी की लहर
थानागाजी (अलवर.राजस्थान) क्षेत्र के नारायणपुर तहसील के तोलावास गांव के मूल निवासी एवम हाल आबाद अजबपुरा के डॉ विश्वनाथ प्रताप सिंह नरुका पुत्र श्री भंवर सिंह नरुका ने ras2018 परीक्षा में सामान्य वर्ग में 169 रैंक के साथ चयनित होकर क्षेत्र का नाम रोशन किया है।हाल ही में 10 जुलाई को राजस्थान विश्विद्यालय से महिला सशक्तिकरण विषय पर पीएचडी की उपाधि प्राप्त करके परिवार का गौरव बढ़ाने के बाद तीसरे ही दिन राजस्थान प्रशासनिक सेवा में चयनित होने से क्षेत्रवासियों एवम परिजनों में उल्लास का माहौल है। डॉ नरुका अपने पीएचडी विषय महिला सशक्तिकरण के अनुरुप राज्य सेवाओ में आकर महिलाओ के उत्थान उनके सशक्तिकरण करने को प्रतिबद्ध हैं।उन्होंने बताया को नौकरी के साथ सुबह या शाम के समय थोड़ा थोड़ा समय निकालकर उन्होंने ये सफलता अर्जित की है।
डॉ वीपी सिंह वर्ष ras 2013 में सामाजिक सुरक्षा अधिकारी के रुप मे चयनित होकर थानागाजी एवं बानसूर ब्लॉक में समाज कल्याण विभाग की योजनाओ का कार्यान्वयन करवा रहे थे।वी पी सिंह नरुका प्रारम्भ से मेघावी छात्र रहे है और कक्षा 12 में बोर्ड मेरीट में राज्य में 13वा स्थान प्राप्त किया था।उसके बाद नरुका ने असिस्टेन्ट कमांडेंट,सीडीएस,कॉलेज लेक्चरर जैसी कई परीक्षाएं पास की लेकिन प्रशासनिक सेवाओं के रुझान के चलते 2017 में सामाजिक सुरक्षा अधिकारी के रूप में जॉइन किया।वर्ष 2012 से 2017 तक लगातार 5 बार संघ लोकसेवा आयोग द्वारा आयोजित आईएएस परीक्षा में भी मुख्य परीक्षा तक डॉ नरुका पहुँचे।डॉ नरुका की छोटी बहन प्रियंका नरुका मात्र 25 वर्ष की उम्र में अजबपुरा ग्राम पंचायत की सरपँच बनकर क्षेत्र का नाम राज्य भर में चर्चित कर चुकी है और अपनी कार्यप्रणाली से पूरे पंचायत समिति के सरपंचो के लिए प्रेरणास्रोत है।
श्री वी पी सिंह नरुका के पिता श्री भंवर सिंह नरुका रिटायर्ड प्रधानाचार्य है।नरुका की छोटी बहन पीएचडी कर रही है एवम छोटा भाई सिविल सेवाओ की तैयारी में लगे हुए है। नौकरी में रहते हुए वर्ष 2018 ras में उच्च रैंक प्राप्त करने के पीछे उन्होंने कड़ा परिश्रम,ईश्वर की कृपा और गुरुजनों व परिजनों के आशीर्वाद तथा दोस्तो के सहयोग को श्रेय दिया जो हर परिस्थिति में उनके साथ रहे। डॉ नरुका का मानना है कि बढ़ती प्रतिस्पर्धा और तनाव के माहौल के बीच घरवालों के सहयोग,योगा एवम व्यायाम और आत्मबल ही प्रतियोगी परिक्षार्थियो का सहारा बन सकता है आप सच्चे मन और लगन से सही निर्देशन में तैयारी करते है तो सफलता निश्चित ही मिलेगी।