भीलवाड़ा में आरटीआई के तहत सूचनाएं यूआईटी के अफसरों की तानाशाही के चलते नही मिल पा रही
भीलवाडा
सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 अपनी यात्रा में काफी उपलब्धियां हासिल कर चुका है। नागरिकों न केवल महत्वपूर्ण सूचनाएं ही प्राप्त हो रही हैं बल्कि ये सूचनाएं कई बार सिर्फ सूचनाओं तक ही नहीं सीमित होकर अपनी उपयोगिता कई परिप्रेक्ष्य में सिद्ध करती है। केंद्र राज्य स्तर पर सभी विभागों में सूचना का अधिकार लागू कर दिया गया लेकिन इसके विपरीत भीलवाडा मे नगर विकास न्यास के अफसरों व कर्मचारियों की लापरवाही व तानाशाही के चलते नगर विकास न्यास में यह आलम है कि सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत सूचनाएं मांगने पर भी आरटीआई कार्यकर्ताओं को सूचनाएं उपलब्ध नहीं करवा कर चक्कर लगवाए जा रहे हैं
उपनगर पुर के निवासी आरटीआई कार्यकर्ता व संगठन मंत्री संघर्ष सेवा समिति पुर रतनलाल आचार्य ने आज अध्यक्ष महोदय नगर विकास न्यास को प्रार्थना पत्र देकर बताया कि उनके द्वारा दिनांक 4 जून 2020 को आरटीआई के तहत 5 बिंदुओं में सूचनाएं आवेदन कर मांगी गई पर निश्चित समय अवधि में लोक सूचना अधिकारी नगर विकास न्यास द्वारा उन्हें सूचनाएं उपलब्ध नहीं करवाई गई पर 4 जुलाई 2020के पश्चात उक्त अधिकारी से सूचना के बाबत संपर्क करने पर उक्त अधिकारी द्वारा उन्हें आवेदन 18 जून 2020 को क्रमांक 301 पर मिलना बताकर समय पर होना बताया जाकर निश्चित समय में सूचनाएं उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया गया इसके पश्चात दिनांक 18 जुलाई 2020 के पश्चात पुनः उस अधिकारी से सूचनाएं उपलब्ध करवाने बाबत कहा गया तो उक्त अधिकारी द्वारा ऊपर के अधिकारियों से सूचनाएं नहीं भिजवाने वह उसके आदेशों की पालना नहीं की जाने की कहां इसके पश्चात भी दिनांक 27 जुलाई 2020 को सूचना नहीं मिलने पर प्रथम अपील की गई पर भी उक्त कार्यालय वह प्रथम अपीलीय अधिकारी द्वारा आज दिनांक तक कोई भी सूचनाएं इस बाबत उपलब्ध नहीं करवाई गई हैं अतः नगर विकास न्यास में व्याप्त भ्रष्टाचार लापरवाही व तानाशाही के खिलाफ उचित कार्यवाही करने की मांग की।
भीलवाडा से राजकुमार गोयल की रिपोर्ट