घर पर ईद की नमाज अदा कर पारम्परिक ढंग से मनाया ईद का पर्व
बयाना,भरतपुर
बयाना 01 अगस्त। त्याग व कुर्बानी का प्रतीक ईद उल अदा का पर्व शनिवार को मुस्लिम समुदाय के लोगों की ओर से कस्बा सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भी पारम्परिक ढंग से हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस दिन मुस्लिम समुदाय के बच्चे से लेकर बूढों तक व महिलाओं ने भी सुबह सवेरे रंग बिरंगे नए परिधान पहनकर अपने अपने घरों पर ईद की नमाज अदा की। जिसके पश्चात अपने अपने घरों पर ही कुर्बानी का आयोजन कर विशेष भोजन पकाया गया जिसे सभी परिजनों व मित्रों ने ग्रहण किया। इस बार कोरोना संकट व अन्य कारणों के चलते यह पर्व सामुहिक रूप से मनाने या सामुहिक रूप से कुर्बानियों के आयोजन करने पर प्रतिबंध बताया गया।जिसकी पालना करते हुए सभी लोगों ने यह पर्व अपने अपने घरों पर व नियमों के तहत मनाया। हालांकि इस बार ईद के इस पर्व को लेकर लोगों में और जैसा उत्साह व चहलपहल और मेल मिलाप नही देखा जा सका। कस्बे के अन्य समुदायों के लोगों ने भी मुस्लिम समुदाय के लोगों को ईद की मुबारकबाद देते हुए आपसी भाईचारे, प्रेम व सौहार्द के वातावरण को और मजबूत बनाने की बात कही। हाजी शमशुद्दीन ने बताया कि ईद उल अदा का यह पर्व त्याग और कुर्बानी का पर्व है। अर्थात यह पर्व हमें बुराईयों व बुरेकर्मों का त्याग करने का संदेश देता है।
- बयाना संवाददाता राजीव झालानी की रिपोर्ट