समस्त संसार एक परिवार की भावना से ही उन्नति संभव– सतगुरु माता सुदीक्षा
खैरथल (अलवर, राजस्थान/ हीरालाल भूरानी)
परमात्मा यदि हमारा अपना है तो वह अपना ही है यह परमात्मा सब का आधार है हर एक में इसी का वास है l ऐसा भाव जब मन में बस जाता है तो कोई फर्क नजर नहीं आता और सब अपने ही नजर आने लगते हैं आते हम यह कह सकते हैं कैसी भावना जीवन में धारण करने से ही उन्नति संभव है। संत निरंकारी मंडल खैरथल की प्रेस पब्लिसिटी डिपार्टमेंट की मीडिया सहायक सोनम प्रेमी ने बताया कि यह उद्गार माता सुदीक्षा जी महाराज ने वर्चुअल रूप में आयोजित संत समागम के अवसर पर व्यक्त किए जिसका आनंद मिशन के सभी भक्त जनों ने विश्व भर में निरंकारी श्रद्धालुओं ने इस का आनंद प्राप्त किया l
सद्गुरु माता की ने आगे अपने संबोधन में कहा कि यदि हम आध्यात्मिकता के दृष्टिकोण से देखें तो वास्तविक रूप में सबका आधार एक परमात्मा ही है जिस पर विश्वास भक्ति की बुनियाद है इसलिए अपना तो के भाव को धारण करके हम सब एक दूसरे के साथ सद्भाव पूर्ण व्यवहार करते चले जाएं l हर एक के प्रति मन में सदैव प्रेम की ही भावना बनी रहे नफरत की नहीं यदि हम किसी के लिए कुछ कर भी रहे हैं तब उसने सेवा का भाव ही होना चाहिए एहसान का नहीं l
अंत में सतगुरु माता ने पूरी मानव परिवार को संबोधित करते हुए कहा कि परमात्मा पर विश्वास की बात को और अधिक स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि जब हम इस परम सत्ता को ब्रह्म ज्ञान द्वारा जान लेते हैं तो फिर इस पर विश्वास करने से ही हमारी भक्ति सही अर्थों में सुदृढ़ होती है इसके उपरांत फिर जीवन में घटित होने वाले विभिन्न प्रकार के उतार-चढ़ाव के कारण हमारा मन विचलित नहीं होता लड़का हमें सेवा सिमरन सत्संग के माध्यम से प्राप्त होती है ।