ब्रह्म ज्ञान से ही परिपक्व हो सकता है ईश्वर पर विश्वास- सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज
खैरथल (अलवर, राजस्थान/ हीरालाल भूरानी) तीन दिवसीय 74 वें वार्षिक निरंकारी संत समागम की प्रथम दिवस के सत्संग समारोह में अपने पावन आशीर्वाद प्रदान करते हुए सदगुरु माताजी ने कहा कि प्रभु परमात्मा पर हमारा विश्वास तभी परिपक्व हो सकता है जब ब्रह्म ज्ञान द्वारा उसे जाना जाता है ईश्वर पर दृढ़ विश्वास रखते हुए जब मनुष्य अपनी जीवन यात्रा भक्ति भाव से युक्त होकर व्यतीत करता है तो वह आनंददायक बन जाती है। संत निरंकारी खैरथल की प्रेस एण्ड पब्लिसिटी डिपार्टमेंट की मीडिया सहायक सोनम प्रेमी ने बताया कि समागम के दूसरे दिन का शुभारंभ एक रंगारंग सेवा दल रैली द्वारा हुआ जिसमें देश एवं दूर देशों से आए हुए सेवादल के भाई बहनों ने भाग लिया इस सेवा दल रैली में विभिन्न खेल,शारीरिक व्यायाम,शारीरिक करतब, फिजिकल फॉरमेशन के अतिरिक्त मिशन की सिखलाई पर आधारित सेवा की प्रेरणा देने वाले गीत एवं लघु नाटिकाओ को मर्यादित रूप में प्रस्तुत किया गया सेवा दल रैली को अपना आशीर्वाद प्रदान करते हुए सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने कहा कि तन मन को स्वस्थ रखकर समर्पित भाव से सेवा करना हर भक्तों के लिए जरूरी है भले ही वह सेवा दल की वर्दी पहन कर करता हो या बिना वर्दी पहने हर एक में परमात्मा को देखकर हम घर में,समाज में, मानवता के लिए मन से सेवा का भाव रखते हुए जो भी कार्य करते हैं वह एक सेवा का ही रूप है सेवा करते वक्त विवेक और चेतना की निरंतर आवश्यकता होती है।