विवाद को बातचीत के जरिए सुलझाकर बिखरने से बचाए जा सकते है परिवार:- सिंह
कई परिवारों को टूटने से बचा चुकी हैं महिला थानाध्यक्ष रेनू सिंह
दातागंज (बदायूँ, उत्तरप्रदेश/ शशि जायसवाल/ अभिषेक वर्मा) वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बदायूँ डॉ० ओ.पी. सिंह के निर्देशन में पति-पत्नी विवाद के लेकर जो भी मामले आते हैं, उन्हें ज्यादातर पहले महिला थाना भेजा जाता है। वहां पति-पत्नी के विवादों में काउंसलिंग करायी जाती है। ज्यादातर मामलों में दोनों पक्षों को समझा कर उनकी आपसी सहमती से समझौता करा दिया जाता है। इसी सन्दर्भ में सोमवार को महिला थानाध्यक्ष ने एसएसपी डॉ० ओ.पी. सिंह के निर्देशन में महिला थाना परिसर में पति-पत्नी के विवादों को सुना गया जिनमें से एक मामले का निस्तारण कर उनको घर भेजा। कुछ प्रकरणों में एफआईआर की संस्तुति की गयी। आप को बता दे कि जनपद में महिला थानाध्यक्ष रेनू सिंह के चार्ज संभलते के बाद महिला थाने की स्थिति में बड़ा बदलाव आया है। महिला थानाध्यक्ष रेनू सिंह का चौबीस घंटे के अंदर शिकायत को सुलझाने का भरसक प्रयास रहता है। वह अपनी जिम्मेदारी को बाखूबी निभाती आ रही है।महिला थानाध्यक्ष रेनू सिंह ने अपनी महिला संबंधी अपराधों के ग्राफ को बढ़ने से रोकने के साथ ही बिखराव के मुहाने पर खड़े एक या दो नहीं, बल्कि कई परिवारों को बिखरने से बचाया है पति-पत्नी के बीच विवाद कैसा भी रहा हो, महिला थाना पहुंचने के बाद ज्यादातर परिवार टूटने से बच जाते हैं महिला थानेदार रेनू सिंह की पूर्व में कई जगह पोस्टिंग के दौरान उनकी मेहनत व प्रभावी पहल के लिए पुलिस विभाग एवं जनप्रतिनिधियों की ओर से सम्मानित भी किया जा चुका है।
महिला थाने में आने वाली हर शिकायत को दर्ज करने के बाद ही उसे निस्तारण के लिए महिला दारोगा व सिपाही को बकायदा समय अंकित कर देने की व्यवस्था बनाई गई है। सिपाही व दारोगा को शिकायत मिलने के 24 घंटे के अंदर उसको सुलझाने के लिए किए जा रहे प्रयास की रिपोर्ट महिला थाना प्रभारी को देनी होती है। समाधान के प्रयास से लेकर समाधान होने तक पूरा विवरण रजिस्टर में दर्ज होता है। हमारे संवाददाता अभिषेक वर्मा द्वारा वर्जन लेने पर थानाध्यक्ष रेनू सिंह ने बताया कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ० ओ. पी. महोदय जी के निर्देशन में हमारी कार्यप्रणाली चल रही है। महिला थाना में आने वाली हर शिकायत को हम गंभीरता से लेते हैं। हमारी कोशिश रहती है कि पति पत्नी के विवाद को बातचीत के जरिए सुलझाकर परिवारों को बिखरने से बचाने की होती है। छोटी-छोटी बातों में रिश्तों को तोड़ने व मारपीट कर कानून-व्यवस्था के लिए समस्या खड़ी करने वाले परिवारों पर हमारी निगाह हमेशा बनी रहती है।