बेहद गरीबी में जीवन व्यतीत कर रहा वृद्ध महिला का परिवार, नही मिला किसी भी सरकारी योजना का लाभ
बच्चो को बारिश मे पलंग के नीचे सुलाता है परिवार, कामाँ पंचायत समिति की सतवास ग्राम पंचायत का है मामला
हाथ जोड़करमदद के लिए गुहार लगा रही वृद्धा, मनरेगा, आवास योजना, शौचालय जैसी सभी योजनाओं से अभी तक है वंचित परिवार
राजस्थान के भरतपुर जिले में कामाँ तहसील के गाँव सतवास में रहने वाली एक बुजुर्ग महिला शांति देवी का परिवार बेहद गरीबी में जीवन व्यतीत कर रहा है जहाँ इस परिवार को ना तो मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध कराया गया और ना ही उनके रहने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उनके लिए घर बनवाया गया, इतना ही नहींब ल्कि इस परिवार के पास शौचालय तक नहीं है और जब सरपंच से बात की तो उनका कहना है की परिवार के लिए सरकार की योजनाओं का लाभ प्रदान करने के लिए प्रयासरत है |
76 वर्षीय वृद्धा शांति देवी ने बताया की उसका परिवार गरीब स्थिति में जीवन व्यतीत करने को मजबूर है क्योंकि उनके लोगों को मनरेगा के तहत ना तो रोज़गार तक उपलब्ध कराया गया है और गाँव में उनके पास कृषि भूमि भी नहीं है जिससे उनको खाने के लिए भी जद्दोजहद करने पड़ती है | अब इस वृद्धा अवस्था में कोई कामकाज भी नहीं कर सकती।
परिवार में उसके दो पुत्र है जो शादी शुदा है और उनके भी लड़के,लड़किया है जहाँ इस परिवार के पास रहने के लिए कोई मकान नहीं है, ना ही इनके पास किसी भी प्रकार की कृषि भूमि है और ना ही रहने के लिए कोई मकान है इसलिए बेहद गरीबी हालत में यह परिवार अपना जीवन यापन कर रहा है |
- हैरत की बात है कि गरीब वृद्धा के कच्चे मकान के ऊपर छप्पर है जिसमें बारिशों के दिनों में रहना भी दूभर है क्या कहा जाएगा ऐसी सर्वे को – जिसमे गरीब परिवार को इंदिरा आवास, प्रधानमंत्री आवास, शौचालय, बीपीएल, नरेगा सभी सुविधाओ का ना मिनला हो- मिलना तो दूर लिस्ट में नाम भी ना आए
- शायद इसे ही वोटों की राजनीति कहा जाता है जिसमें एक गरीब पिस्ता आया है और शायद पिस्ता रहेगा क्योंकि उसके पास रिश्वत देने के लिए पैसे नहीं, इंदिरा आवास, प्रधानमंत्री आवास पैसे वालों के तो यूं ही पास हो जाते हैं इसके जीते जागता उदाहरण आप देख सकते है यही नही काफी धनवान परिवार खाद्यान्न ले रहे हैं बीपीएल परिवार गाड़ियों में घूम रहे हैं लेकिन जो जरूरतमंद है उसके हाथ खाली हैं
कामां से संवाददाता हरिओम मीणा की खास रिपोर्ट।