किसानों ने मंडी गेट बंद कर लगाया ताला, ड़ीग - नगर मार्ग को किया जाम
एसडीएम ने किसानों से समझाइश कर खुलवाया ताला और जाम, किसानों का आरोप व्यापारी निजी लैब से जांच कराने के बाद ही खरीद रहे हैं सरसों
डीग (भरतपुर, राजस्थान/ पदम जैन) ड़ीग में सरसों की खरीद में व्यापारियों द्वारा मनमानी कर कथित रूप से की जा रही अनियमितताओं के खिलाफ शुक्रवार को मंडी में सरसों बेचने आए किसानों ने मंडी के गेट पर तालाबंदी कर अपने वाहन मंडी के गेट के पास खड़े कर दिए जिसस ड़ीग - नगर मार्ग पर कुछ देर के लिए जाम की स्थिति बन गई। जिसकी सूचना मिलने पर एस डी एम हेमंतकुमार मय पुलिस जाप्ता के मौके पर पहुंचे और किसानों को समझाईश कर मंडी का गेट खुलवाकर किसानों की ट्रैक्टर पोलियो को मंडी के अंदर कर वाया। तब जाकर डीग -नगर मार्ग पर वाहनों का आवागमन सुचारू हो सका ।
किसान प्रतिनिधि महाराज सिंह का आरोप था की मंडी के व्यापारी सरसों की खरीद में निजी लैब संचालकों के साथ मिलीभगत कर किसानों का शोषण कर रहे हैं ।जबकि मंडी में सरकारी लैब शुरू हो चुकी है लेकिन व्यापारी सरकारी लैब पर जांच कराने पर किसान की सरसों नहीं खरीद कर उसे प्राइवेट पेपर जांच कराने के लिए बाध्य कर रहे हैं।जबकि दोनों लैबो की जांच में अंतर है। मंडी का गेट खुलने के बाद एस डी एम हेमंत कुमार ने किसानों के साथ बैठक कर उनकी समस्याओं को सुना।
किसानों का कहना था व्यापारी निजी लैब से सरसों की जांच करानेपर ही सरसो की खरीद कर रहे है। जो की सरसो में तेल की मात्रा कम बताती है। जिससे किसानों का आर्थिक नुकसान हो रहा है ।जबकि कृषि उपज मंडी के अंदर सरकारी लैब चालू हो चुकी है। मंडी में लगे टीन शेडो में व्यापारियो ने अपना माल रख रखा है। जिसके चलते किसानों का माल खुले आकाश में पड़ा रहता है। जो बरसात में भीग कर खराब होता है। इसके अलावा सरसों की तुलाई में भी व्यापारियों द्वारा किसानों के साथ अनियमितता की जाती है। एस डी एम हेमंत कुमार ने बताया है कि किसानों की मांग पर उन्होंने भरतपुर से जांच विशेषज्ञ अनिल कुमार को बुलवाकर सरसों के 2 स्टैंडर्ड नमूनों की जांच सरकारी और निजी लेवो में करवा ली है। जिसमें मात्र 250 से 300 ग्राम का अंतर आता है। जो स्वाभाविक है। किसान सरकारी या निजी लैब दोनों से जांच करवाने के लिए स्वतंत्र है। व्यापारी किसान द्धारा निजी और सरकारी किसी भी लैब से जांच के बाद सरसो खरीद के लिए तैयार है।