घूसखोर तहसीलदार सहित पांच आरोपितों को भेजा जेल
भीलवाड़ा (राजस्थान/बृजेश शर्मा) भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो बुधवार श्याम तहसीलदार लालाराम यादव सहित पांचों आरोपियों को स्थानीय भ्रष्टाचार निरोधक न्यायालय में पेश किया जहां विद्वान न्यायाधीश ने सभी को 15 दिन के लिए न्यायिक अभिरक्षा (जेल) में भिजवा दिया। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के एडिशनल एसपी राजेंद्र नैन ने लोकजीवन को बताया कि आरोपितों से 17.5 लाख रुपए के अलावा और कोई रिकवरी नहीं हुई है। फिलहाल मामले का अनुसंधान जारी है। गौरतलब है की मंगलवार को तहसीलदार लालाराम यादव, उसके भाई जयपुर के चौकसु निवासी पूरणमल यादव, दलाल बिजौलियां निवासी कैलाश धाकड़ उसके पुत्र मनोज धाकड़, रिश्वत देने के आरोपित गांधीनगर निवासी दीपक चौधरी को एसीबी नेहिरासत में लिया था। दरअसल जयपुर मुख्यालय पर तहसीलदार लालाराम यादव के खिलाफ लगातार मिल रही शिकायतों के मद्देनजर रिश्वत लेने एवं आय से अधिक सम्पति की जांच करने मंगलवार सुबह एसीबी मुख्यालय से महानिदेशक भगवान लाल सोनी के निर्देश पर ब्यूरों की 50 सदस्ययी विशेष टीम एडिशनल एसपी राजेंद्र नैन की अगुवाई में यहां पहुंची थी उनके द्वारा गठित टीमों ने तहसीलदार के कमला विहार स्थित किराए के आवास, बिजौलियां स्थित दलाल के आवास व गांधीनगर गणेश मंदिर के सामने रहने वाले जमीन मालिक दीपक चौधरी के यहां सर्च शुरू किया। उधर एक अन्य टीम ने जयपुर के चाकसू स्थित तहसीलदार के पैतृक आवास पर तलाशी शुरू की। तलाशी के दौरान तहसीलदार के घर से 5 लाख 37 हजार रुपए नकद मिले और कुछ दस्तावेज मिले। बिजौलियां स्थित दलाल कैलाश धाकड़ के घर से सर्च के दौरान करीब 12 लाख रुपए की नकदी मिली है। भाई के बैंक खाते में रिश्वत के पैसे 3 लाख रुपए ऑनलाईन ट्रांसफर करने की जानकारी सामने आई। गांधीनगर निवासी दीपक चौधरी के रिश्वत देने की भी पुष्टि हुई। इस पर तहसीलदार लालाराम यादव, तहसीलदार के भाई जयपुर के चौक सु निवासी पूरणमल यादव, दलाल बिजौलियां निवासी कैलाश धाकड़ उसके पुत्र मनोज धाकड़, रिश्वत देने के आरोपित गांधीनगर निवासी दीपक चौधरी को हिरासत में में ले लिया। बताया गया था की पिछले कुछ समय से ब्यूरों के मुख्यालय पर लगातार शिकायत मिल रही थी की भीलवाड़ा तहसीलदार लालाराम यादव जमीनों के मामले में खुद भी और अन्य अफसरोंं से भी कई फैसले करा रहे है। दलालों के मार्फत पैसों का लेनदेन हो रहा है। इसी आधार पर एफआईआर दर्ज की गई और विशेष टीमों ने भीलवाड़ा पहुंंच यह कार्रवाई की। गिरफ्तारी के बाद सभी आरोपियों को स्थानीय भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो न्यायालय में पेश किया जहां विद्वान न्यायाधीश ने सभी को 15 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिए।