लोक कलाकारों ने दी मयूर नृत्य और महा रास की भावपूर्ण प्रस्तुति
भरतपुर,राजस्थान
डीग - (1 नवंबर) गिर्राज जी की सप्त कोसीय परिक्रमा मार्ग के राजस्थान सीमा में स्थित पूंछरी का लौठा मन्दिर के समीप भारतीय कला संस्थान एवं ब्रज लोक कला मंच के संयुक्त तत्वाधान में दो दिवसीय शरद पूर्णिमा महोत्सव के अवसर पर रात्रि में महारास का आयोजन किया गया जिसमें भगवान श्री कृष्ण के महारास का शुभारंभ श्रीगणेश वन्दना एवं ब्रज वन्दना के साथ किया गया । कार्यक्रम में श्रीराधा कृष्ण नृत्य रास , मयूर नृत्य , गोपिका रास सहित ब्रज रसिया व काम देव लीला का ब्रज के लोक कलाकारों द्वारा मंचन किया गया ।
इस अवसर पर भारतीय लोक कला संस्थान के निदेशक अशोक शर्मा द्वारा रात्रि में श्रद्धालुओं को खीर प्रसादी का वितरण किया गया I भारतीय लोक कला संस्थान के संयोजक विष्णु शर्मा ने बताया कि आत्मा का परमात्मा से मिलन ही महारास है । शरद पूर्णिमा की रात्रि को भगवान कृष्ण की लीलाओं का अद्भुत नजारा प्रदर्शित करना महारास का चित्रण है । जिसका उद्देश्य बृज क्षेत्र में कृष्ण स्थली , कृष्ण लीलाओं एवं महारास के परम्परागत स्वरूप को प्रस्तुत करना है । उन्होंने बताया कि ब्रज क्षेत्र भगवान कृष्ण भगवान की जन्मस्थली भी है यहाँ भगवान ने बड़े - बड़े अहंकारी राक्षसों का विनाश किया था और ऋषि मुनियों की धर्म के लिए रक्षा की थी । भगवान के उसी स्वरूप को महारास के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है ।
- पदम चंद जैन की रिपोर्ट