पहली बार पकड़ा गया फर्जी सिम बेचने वाला गिरोह, भरतपुर पुलिस गिरफ्त में हैं 15 शातिर बदमाश, सामान बरामद
आज के डिजिटल युग मे हर इंसान को मोबाईल, इन्टरनेट आदि की आवश्यकता बहुत ज्यादा होने लगी है एसे मे अगर आप बाजार में केनोपी लगाकर बैठे लोगों से मोबाइल सिम खरीद रहे हैं तो सावधान हो जाएं। नहीं तो आपके नाम पर कभी भी ओएलएक्स पर ऑनलाइन ठगी हो सकती है। क्योकि अब ठगो ने ग्राहक के कागजों में काट-छांट कर फर्जी सिम एक्टिवेट कर मेवात क्षेत्र में ऑनलाइन ठगी करने वालों को दो हजार रुपएमे बेची बेच रहे है
भरतपुर,राजस्थान
भरतपुर::- ओल्क्स और फेसबुक पर लगातार हो रही ऑनलाईन ठगी मे दिन प्रतिदिन इजाफा हो रहा है जिस पर कार्यवाही करते हुए भरतपुर पुलिस ने मेवात के ठगों को फर्जी नामों की एक्टिवेट सिम बेचने वाला गिरोह के 15 बदमाशों को पकड़ा है। ये बदमाश इतने कशातिर थे की नई सिम खरीदने वाले लोगों से उनके आधार कार्ड, राशनकार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस आदि दस्तावेज लेकर पहले उन्हें सिम जारी कर देते थे। फिर उसके बाद उनके इन दस्तावेजों में नाम-पते आदि में मामूली फेरबदल कर फर्जी दस्तावेज तैयार कर उन पर दूसरी सिम एक्टिवेट कर लेते थे। बाद में वे यह सिम मेवात के ऑनलाइन ठगों को 2000 रुपए तक में बेच देते थे।
शातिर बदमशो द्वारा ऑनलाइन ठगी के अधिकतर राजस्थान के बाहर दूसरे प्रदेशों को चुनकर वहां ओएलएक्स पर कार, स्कूटी, बाइक, मोबाइल, फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान बहुत कम कीमत पर बेचने का विज्ञापन डालते हैं। यही नही ये ग्राहक को भरोसा दिलाने के लिए सामान की डिटेल के साथ ही सेना के अधिकारी-जवानों के फोटो लगी आईडी डालते थे। जिससे ग्राहक को भरोसा हो जाता था लेकिन ये विज्ञापन के साथ मोबाइल और वाट्सएप नंबर अपना ही डालते हैं। इसके बाद ग्राहक को वाट्सएप चैटिंग के माध्यम से ग्राहकों को पहले अपने जाल में फंसाकर उनसे बतौर एडवांस कुछ राशि की डिमांड कर फोन-पे, गूगल-पे, पेटीएम. नेट बैकिंग, एनईएफटी, आरटीजीएस आदि के माध्यम से ऑनलाइन बैंक खातों में ट्रांसफर करवाकर फोन बंद कर लेते थे। ये बदमाश जिन खातों में ठगी की रकम डलवाते थे, वे भी जन-धन अथवा जीरो बैलेंस वाले खाते होते हैं।
भरतपुर एसपी डॉ. अमनदीप सिंह कपूर ने पत्रकारवार्ता मे बताया कि पकड़े गए बदमाशों में जयपुर के शाहपुरा निवासी रमेश स्वामी (24) और विराट नगर निवासी विक्रम गुर्जर (25) मास्टर माइंड हैं। पकड़े गए गिरोह के कब्जे से पुलिस ने 2 कार, 5 बाइक, 111 सिम, 27 मोबाइल, 1 लेपटॉप, 11 बैंक पास बुक, 12 एटीएम कार्ड, 2 चैक बुक और 2 पेटीएम कार्ड बरामद किए गए हैं। रमेश और विक्रम दोनों ही एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया कंपनियों के सिम रिटेलर रह चुके हैं। ये दोनों जयपुर जिले के शाहपुरा, मनोहरपुर, विराट नगर आदि कस्बाई बाजारों में अपने लड़के भेजकर केनोपी लगाकर सिम बिकवाते थे। इसी दौरान इन दोनों की अलवर के मेवात में रहने वाले एक युवक से जान-पहचान हो गई। उसी ने इन्हें कागजों में हेराफेरी करके दूसरी सिम एक्टिवेट करने का आइडिया दिया था। इसके बाद ये लोग कागजों में कांट-छांट करके जाली दस्तावेज तैयार कर दूसरी सिम एक्टिवेट करके बेचने लगे।
उनके द्वारा उपयोग किए गए वाट्सएप, मोबाइल कॉल की तहकीकात के लिए मोबाइल कंपनियों को उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों की जांच के लिए पुलिस जब सिम धारक के पतों पर पहुंचती तो वहां उस नाम का कोई व्यक्ति नहीं मिलता था। इससे पता चला कि कागजों में हेराफेरी करके दूसरी सिम बेची जा रही हैं। इस गिरोह को पकड़ने के लिए पुलिस कर्मियों ने मेवात इलाके में कई माह तक रैकी और गहन पड़ताल की। कुछ पुलिस कर्मियों को ओएलएक्स पर फर्जी ग्राहक भी बनना पड़ा। पुलिस अभी यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि जयपुर जिले के अलावा और किन-किन क्षेत्रों में इस तरह फर्जी नाम से सिम बेची जा रही हैं। पूछताछ में और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है।
मेवात क्षेत्र के है ज्यादातर ठगी करने वाले गिरोह के सदस्य जिनमे ::-
राडावास (शाहपुरा) निवासी रमेश स्वामी (24), पनदो (विराट नगर) निवासी विक्रम (25) नियमावास (सीकरी) निवासी अरसद मेव (30), मुनफैद मेव (21), आरिफ मेव (25), सीकरी निवासी इलियास मेव (55), अकबरपुर वास (सीकरी) अख्तर मेव (50), इंसाद मेव(26), फजरूद्दीन मेव(28), जाहल हक मेव (33), लालपुर (कामां) निवासी अशफाक मेव (21), नासिर मेव (20), सद्दाम हुसैन मेव(25), धर्मशाला (कैथवाड़ा) जाहल मेव (35) और खालिद मेव (25) हैं।