साधारण रूप से मनाया हरियाली तीज का त्यौहार, बाजारों में रौनक फीकी
बयाना भरतपुर
बयाना 23 जुलाई। इस बार हरियाली तीज का पावन त्यौहार यहां महिलाओं की ओर से साधारण रूप से मनाया गया। जिसका प्रमुख कारण बेरोजगारी व महंगाई की मार और कोरोना का असर बताया है। उमंगों व त्यौहारों और सुहाने मौसम के महीने सावन के महीने में पडने वाले हरियाली तीज का त्यौहार नवयौवनाओं व सुहागन महिलाओं के लिए खास महत्व रखता है। जो परम्परा के अनुसार एक दिन पूर्व सिंजारा करते हुए विभिन्न प्रकार के पकवान बनाती है व हाथों में मेंहदी रचाते हुए पूजा पाठ भी करती है और हरियाली तीज के दिन शिव पार्वती का व्रत करते हुए पूजा अर्चना कर अखंड सौभाग्यवती और शिव पार्वती जैसे दाम्पत्य जीवन की कामनाऐं करती है। अविवाहित नवयौवनाऐं भी ऐसी ही कामनाओं के साथ मेंहदी रचाती व पूजा अर्चना करती है। नवविवाहिताओं सहित अन्य सुहागिन महिलाऐं भी इस दिन विशेष रूप से लहरिया की चुनरी वाली साडीयां और हरी चूडियां पहनकर सोलह श्रृंगार भी करती है तथा समुहों के रूप में बाग बगीचों में जाकर वहां सावन की मल्हार व सावन के गीतों का गायन करते हुए पेडों में झूले बनाकर आपस पर एक दूसरे को झूला झुलाती है। किन्तु बदलते परिवेश व भौतिकता की चकाचैंध में अब ऐसी परम्पराऐं धीरेधीरे लुप्त होती जा रही है। वहीं बाग बगीचे भी भूमाफियाओं की भंेट चढ जाने और उनके व्यवसायिक व आवासीय भव्य इमारतें खडी हो जाने से भी महिलाओं को इकट्ठे होकर सामुहिक व पारम्परिक रूप से यह त्यौहार मनाने की समस्या खडी हो गई है।
संवाददाता राजीव झालानी की रिपोर्ट