मानवता फिर हुई शर्मसार, 6 घंटे दरवाजे पर पड़े रहे पिता-पुत्र के शव, नहीं मिले चार कंधा देने वाले लोग
कोरोना से पिता-पुत्र की मौत पड़ोसियों ने बंद किए खिड़की और दरवाजे, फिर एंबुलेंस कर्मियों ने शवों को पहुंचाया श्मशान
गोरखपुर (उत्तरप्रदेश/ शशि जायसवाल) कहते हैं कि इंसानियत बहुत ही अनोखी होती है जो अपनों के लिए ही नहीं बल्कि दूसरों के लिए भी एक जीवन रक्षक साबित होती है लेकिन गोरखपुर में लोगों की इंसानियत कुछ इस कदर मर गई, की मृत बाप बेटे के शव 6 घंटे तक दरवाजे पर पड़े रहे लेकिन 4 कांधा देने वाले लोग ना मिल सके!
जी हां हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के रामजानकी नगर की जहां 17 अप्रैल को एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया जहां कोरोना संक्रमण से एक पिता और उसके शिक्षक बेटे की मौत हो गई जिसके बाद पूरे मोहल्ले वालों ने अपने अपने घरों के खिड़की दरवाजे बंद कर लिए वही मृतकों के भाई और भतीजा दूसरे मोहल्ले में संक्रमण के चलते होम आइसोलेशन में थे जिसके कारण मृतक बाप बेटे का शव लगभग 6 घंटे तक घर के दरवाजे पर पड़ा रहा लेकिन चार कंधा देने वाले लोग ना मिल सके
जिसके बाद मृतक के भाई को प्रशासन के द्वारा फोन पर सूचना दी गई और मृतकों के शवो को वाहन व टीम के साथ राप्ती तट श्मशान घाट भेजा गया बड़े बेटे ने पिता को व छोटे भाई को एक साथ मुखाग्नि दी