वन विभाग की लापरवाही से वन संरक्षित पहाड़ों में हो रहा अवैध खनन
पुलिस थाने और चौकियों के सामने से निकल रहे हैं अवैध खनन से भरे हुए वाहन प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान।
भरतपुर, राजस्थान
कामां-राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा में आने वाले वन संरक्षित व खनन प्रतिबंधित क्षेत्रों में वन विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते धडल्ले से अवैध खनन हो रहा है खनन के बाद खानों से निकाला गया पत्थर ट्रैक्टरों ट्रॉलियों में भरकर कामा कस्बा सहित ग्रामीण क्षेत्रों में खुलेआम सप्लाई किया जा रहा है लेकिन मिलीभगत के चलते वन विभाग के कर्मचारियो का इस ओर ध्यान नहीं ध्यान नहीं है इसके चलते खनन माफिया बृज के पर्वतों को खोखला करने में लगे हुए हैं|
मिली जानकारी के अनुसार वन संरक्षित व खनन प्रतिबंधित क्षेत्र के पहाड़ गांव टायरा, लेवडा, अकबरपुर ,सुन्हैरा, मुल्लाका, फतेहपुर ,गढाजान ,बिलग, अंगरावली के पहाड़ो में अवैध खननकर्ता धड़ल्ले से अवैध खनन करने में लगे हुए हैं इन पहाडो से रोजाना सैंकडो ट्रेक्टर ट्रॉली में अवैध खनन का पत्थर भरकर का सप्लाई हो रहा है अवैध खनन के पत्थर से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली वन विभाग के कार्यालय के सामने दिनदहाड़े निकलते हैं लेकिन कोई रोकने की हिम्मत नहीं करता अवैध खनन रोकने व बृज के पर्वतों की रक्षा के लिए संघर्षरत बाबा हरिबोलदास कई बार आंदोलन, धरना ,प्रदर्शन उच्चाधिकारियों को शिकायत भी कर चुके हैं लेकिन कामा क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन के खिलाफ आज तक कोई भी प्रभावी कार्यवाही नहीं हो रही है ।
विजय मिश्रा ने बताया कि जब कभी भरतपुर में अवैध खनन को रोकने के लिए मीटिंग होती है तो कामां वन विभाग के कर्मचारियों अधिकारियों को गुमराह करते हैं और खनन बंद होने का हवाला देते हैं| वन विभाग की अवैध खनन कर्ताओं के मिलीभगत गत माह उस समय उजागर भी हो गई थी जब बौलखेडा के पहाड़ में अवैध खनन रोकने के लिए बनाई गई सुरक्षा दीवार को अवैध खनन कर्ताओ ने तोड़ कर रास्ता बना दिया था बाद में फजीहत होने के बाद वन विभाग द्वारा दोबारा से सुरक्षा दीवार का निर्माण कराया गया था| वहीं दूसरी और वन विभाग द्वारा गांव सुनहरा के पहाड़ में प्लांटेशन का भी दावा किया जा रहा है लेकिन मंगलवार को इस प्लांटेशन वाले पहाड़ में भी अवैध खनन होता मिला वन रक्षकों की टीम को देखकर अवैध खनन कर्ता खान से निकाले गए पत्थरों को मौके पर ही छोड़कर पहाड़ों की ओर भाग निकले|