दूल्हा बन जानकी ब्याहने पहुँचे जगन्नाथ, मंदिर में होगी विवाह की सभी रस्में पूरी
राजगढ़ (अलवर,राजस्थान/महावीर सैन) जन जन की आस्था के आराध्य देव भगवान जगन्नाथ जी महाराज की रथयात्रा इस बार कोरोना संक्रमण को लेकर नही निकाली जा सकी। लेकिन इस मौके पर मंदिर कमेटी की ओर से जोश खरोश के साथ सभी परमपरागत रीति रिवाजों का पूर्ण निर्वहन किया गया। अलौकिक श्रृंगार कर शाही पोशाक में दूल्हे बने जगन्नाथ की चौपड़ बाजार स्थित जगन्नाथ मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजा अर्चना व महाआरती का आयोजन हुआ। इससे पूर्व जगन्नाथ के इन्द्ररूपी विमान रथ का भी मंदिर के मंहत पूरणदास व मदनमोहन शास्त्री ने विधिवत पूजन किया । इसके पश्चात जगन्नाथ जानकी ब्याहने मंदिर में ही बनाये जानकी दरबार पहुँचे। इस अवसर पर दुल्हा बने जगन्नाथ की नयनाभिराम छवि की एक झलक को देखने चौपड़ बाजार में भक्तों की होड़ रही। इस अवसर पर धंटे धडियाल, शंख की ध्वनि के साथ साथ जय जगदीश हरे के उद़धोष से समूचा वातावरण जगदीशमयी हो गया। दूसरी ओर पेट पलनियॉं परिक्रमा देने वालो की कमी देखी गई लेकिन भक्तों में उत्साह बरकरार रहा। इस बार परिक्रमा का मार्ग भी मंदिर के आसपास ही रखा गया। दूल्हे बने जगन्नाथ के लोगी ने दूर से ही दर्शन कर धर्म लाभ कमाया। जगन्नाथ को कंगन डोरा व हल्दी का उबटन लगाया गया महन्त पूरणदास व पं. मदनमोहन शास्त्री ने बताया कि कार्यक्रम मंदिर प्रांगण में आयोजित किये गये। इससे पूर्व सुबह भगवान जगन्नाथ को कंगन डोरा व हल्दी की रश्म निभाई गई। महिलाओ ने मंगलगीत गाकर जगन्नाथ को रिझाया। कानूनी व्यवस्था को लेकर पुलिस व प्रशासन की ओर माकूल व्यवस्था रही। इसी के साथ सात दिवसीय महोत्सव का आगाज हो गया। इस मौके पर मंदिर में पूर्णदास, आचार्य मदनमोहन शास्त्री, कन्हैयालाल लखेरा, खेमसिंह आर्य, हरिओम खंडेलवाल, मीना खंडेलवाल, रमा आर्य, गायत्री शर्मा व ममता सैनी मौजूद रहे।