जेल सुरक्षाकर्मी ने जेल में विचाराधीन बंदी को डंडों से निर्दयता पूर्वक मार-मार कर किया गंभीर रूप से घायल
रेफरल चिकित्सालय से प्राथमिक उपचार के बाद घायल बंदी किया भरतपुर रैफर
ड़ीग –(भरतपुर,राजस्थान/ पदम् जैन) ड़ीग के उपकारागार में एक जेल सुरक्षाकर्मी द्धारा शनिवार को एक बिचाराधीन बंदी के साथ कथित रूप से निर्दयता पूर्वक मारपीट कर उसे गंभीर रूप से घायल कर देने का मामला प्रकाश में आया है। घायल बंदी को प्राथमिवक उपचार के बाद इलाज के लिए भरतपुर आरबीएम हॉस्पिटल रेफर किया गया है।
डीग के उप कारागार में बंद विचाराधीन बंदी जीतेंद्र उर्फ जीतू 20 वर्ष पुत्र रामजीत गुर्जर निवासी गांव पेड़का थाना नगर ने डीग के रेफरल चिकित्सालय में पत्रकारों को बताया है कि पैसे की मांग को लेकर 3 दिन पहले जेल सुरक्षा कर्मी भरत सिंह ने उसके साथ ड़डों से बेहरहमी से मारपीट की इसके बाद शनिवार की सुबह जेल सुरक्षाकर्मी भरत सिंह ने फिर उसे डंडों से निर्दययता पूर्वक मार-मार कर उसका सिर फोड़ दिया जिससे वह बेहोश हो गया । तो जेल में बंद अन्य बंदियो ने जेल कर्मियों से उसे उपचार के लिए अस्पताल ले जाने को कहा। लेकिन जेल का स्टाफ उसे उपचार के लिए जाने के लिए तैयारी हुआ। जिसके बाद आक्रोशित बंदियों ने जेल में खाने का बहिष्कार कर दिया । तब जाकर जेल प्रशासन उसे उपचार के लिए रेफरल चिकित्सालय लेकर आया है। रेफरल चिकित्सालय में घायल बंदी जितेंद्र का प्राथमिक उपचार करने के बाद उसे इलाज के लिए आरबीएम हॉस्पिटल भरतपुर रेफर कर दिया गया है। गौरतलब है कि डीग के उप कारागार में नए आने वाले बंधुओं से जेल के स्टाफ द्वारा पुराने बंदियों के माध्यम से नाजायज दवाव बनाकर वसूली करना। पुराने बंदियों के माध्यम से बंदियो को उनके परिजनों से मोबाइल से बात कराने, परिजनों से मिलाई कराने के नाम पर वसूली किए जाने की शिकायते काफी समय से मिलती रही है। चौथ वसूली के पहले ऑडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके है।
जगदीश शर्मा (उपकारा पाल उप कारागार डीग) का कहना है कि :- "बंदी अपनी नाजायज मांगों को पूरा कराने के लिए जेल स्टाफ पर दबाब बनाने के लिए स्वयं अपना सिर फोड़ने की हरकतें करते है। जीतेंद्र ने भी अपना सिर स्वयं दीवार से टकरा कर फोड़ा है। अवैध वसूली के आरोप बेबुनियाद है"-