जननी सुरक्षा योजना को लगा मिठाई के नाम पर अवैध वसूली का ग्रहण
डीग भरतपुर
डीग -1 सितंबर सरकार प्रसव के दौरान होने वाली बच्चों और महिलाओं की मौतों को रोकने के लिए जननी सुरक्षा योजना के माध्यम से लोगों को सरकारी चिकित्सालयों में सुरक्षित प्रसव कराने के लिए प्रेरित करने की दिशा में जीत तोड प्रयास कर रही है। वही चिकित्सालय के कर्मचारी प्रसव कराने आने वाली महिलाओं के परिजनों से मिठाई के नाम पर अवैध वसूली कर सरकार के प्रयासों को पलीता लगाने में लगे हुए हैं।
डीग के रेफरल चिकित्सालय में प्रतिदिन करीब 7 से 8 और हर महीने लगभग 200 प्रसव होते हैं। चिकित्सालय में प्रसव कराने आने वाली महिलाओं के परिजनों का आरोप है कि प्रसव के बाद चिकित्सालय के स्टाफ कर्मीयों द्वारा मिठाई के नाम पर उनसे 11 सो रुपए से लेकर 21 सो रुपए तक की जबरन वसूली की जाती है ।जो परिजन पैसा देने में आनाकानी करते है उन्हें प्रसव के बाद मिलने वाली प्रोत्साहन राशि नहीं दिलाने, भरतपुर रेफर करने और भर्ती रहने के दौरान प्रसव के बाद इलाज और देखभाल में महिला और बच्चे की उपेक्षा करने का भय दिखाकर डराया जाता है। इसअवैध वसूली के खेल में आशा सहयोगिनी से लेकर भर्ती भर्ती वार्ड के डयूटी स्टाफ शामिल है। इनके अलावा चिकित्सालय के सफाई कर्मी द्वारा बच्चे की नाल देने की एवज में प्रत्येक महिला के परिजनों से 100 -100 रुपए की अतिरिक्त वसूली की जाती है। यदि जांच टीम का गठन कर चिकित्सालय में प्रसव कराने वाली महिलाओं का रिकॉर्ड निकालकर प्रसव कराने वाली महिलाओं के परिजनों से इस संबंध में जांच की जावे तो इस गोरखधंधे को आसानी से पकड़ा जा सकता है।
डीग से पदम जैन