जिले भर में मनाई कजली तीज, पति की लंबी उम्र के लिए रखा निर्लजा व्रत
भीलवाड़ा (राजस्थान/ रानू शर्मा) शहर सहित जिले भर में कजरी तीज हर्षोल्लास एव धूमधाम के साथ मनाई गई,ये त्योहार भाद्रपद में कृष्ण पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है. इसे कजली तीज, बूढ़ी तीज या सातूड़ी तीज के नाम से भी जाना जाता है. यह त्यौहार उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और बिहार में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती है.व मनचाहे वर की कामना के लिए अविवाहित लड़कियां भी इस दिन व्रत रखती हैं. कजरी तीज पर चंद्रमा को अर्घ्य देने की भी परंपरा है। इस दिन हिंदू महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और माता पार्वती की पूरे विधि-विधान से पूजा करती हैं. इस दिन महिलाएं सोलह श्रंगार करती हैं और पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती है।
ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने से भगवान शिव और माता पार्वती सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. इतना ही नहीं, कुवांरी लड़कियां भी कजरी तीज का व्रत रखती हैं. ताकि विवाह में आ रही रुकावटें दूर हो जाएं.