किसान यूनियन चलाएगी जागो गांव, जागो किसान नामक अभियान
बयाना -- केन्द्र सरकार के तीन नये कृषि अध्यादेशो के विरोध में व किसानो की मांगो के समर्थन में भारतीय किसान यूनियन (अम्बावता) की ओर से जागो गांव जागो किसान अभियान चलाया जाऐगा। यह जानकारी गुरूवार यहां एक होटल में आयोजित प्रेसबार्ता में यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव सुरेन्द्र कंसाना ने देते हुऐ बताया कि आगामी 9 जुलाई को गाजीपुर बार्डर पर किसानो की विशाल रैली का आयोजन किसान यूनियन की ओर से किया गया है। जहां से सभी किसान केन्द्र सरकार के किसान व कृषि विरोधी काले कानूनो के विरोध में रवाना होकर तीन प्रान्तो के गांवो से होते हुऐ हरिद्वार पहुंचेगे। जहां विशाल किसान सभा व रैली का आयोजन होगा। जिसमें यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चैधरी रिषीपाल अम्बावता सहित अनेक राष्ट्रीय किसान नेता व सांसद भी शामिल होगे। पत्रकार बार्ता में राष्ट्रीय महासचिव ने केन्द्र सरकार पर किसानो का दमन व उत्पीडन के आरोप लगाते हुऐ कहा कि यह सरकार तीन काले कानूनो को जबरन थोप कर किसानो से छलावा और खेती व किसानो को बडे उधोगिक घरानो व बहुराष्ट्रीय कम्पनीयो का गुलाम बनाने की साजिश कर रही है जबकि देश की अर्थ व्यवस्था को मजबूत बनाने व देश को आजादी दिलाने में किसानो का सबसे बडा योगदान रहा है। और आज भी किसान के बेटे देश की सीमाओ पर तैनात रहकर देश की रक्षा करने में लगे है। अगर किसान और जवान अपना काम छोड देगे। तो देश और सरकार खतरे में आ जाऐगे। उन्होने सरकार से अपनी हड धर्मी छोडकर किसानो की मांगो पर ध्यान देने का भी आव्हान किया। इस मौके पर यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेन्द्रशर्मा ने सरकार की नीति व नियत में खोट होने के आरोप लगाते हुऐ कहा कि वह हर कदम पर देश के किसान मजदूरो व आमजन के साथ छलावा व दबाब बनाने का काम कर रही है, उन्होने सरकार पर अपने चहतो के हित में जल्दबाजी में कृषि विधेयको को ससद में चर्चा कर लागू करने के वजाय अध्यादेश के जरिये जबरन थोपने के आरोप लगाते हुऐ कहा कि इसी से सरकार की निति और नियत स्पष्ट है। उन्होने कहा कि जब देश के किसानो व किसी भी किसान संगठन ने ऐसे कृषि विधेयको की कोई मांग नही की थी। तो सरकार इन्हे जबरन थोपने पर क्यों अडी है। सरकार बहुत बडी भूल कर रही है। पत्रकारबार्ता में पूर्व प्रधान महेन्द्र तिवारी , मीडिया सलाहकार प्रवीन शास्त्री, रेणू मिश्रा आदि भी मौजूद रहे। जिनका साफा माला पहनाकर स्वागत किया।
- रिपोर्ट राजीव झालानी