ब्रज चौरासी कोस की यात्रा मे प्रशासन के द्वारा सुरक्षा सहायता व सुविधाओ ,स्वास्थ्य विभाग की सेवाओ का अभाव
पुरुषोत्तम अधिक मास में ब्रज चौरासी कोस की यात्रा पर निकले देश भर के लाखों परिक्रमार्थियों की सुरक्षा सहायता व सुविधा के लिए प्रशासन या स्वास्थ्य विभाग का कोई भी कर्मचारी अधिकारी संवेदनशील नजर नहीं आ रहा है हालत यहाँ तक हो चले है चौरासी कोस की यात्रा के लिए बनाए मार्ग मे लोगो के द्वारा अतिक्रमण तक कर लिए गए है जो की अधिकारियों को नजर तक नहीं आ रहे है प्रशासन के द्वारा परिक्रमा के लिए जा रहे श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही बरती जा रही है जिसके परिणामस्वरूप श्रद्धालुओं को झोलाछाप डॉक्टरों का सहारा लेना पड रहा है
डीग भरतपुर
भाजपा की तत्कालीन वसुन्धरा सरकार की राजस्थान क्षेत्र के भरतपुर जिले में पड़ने वाली 82 किलोमीटर लम्बी महत्वाकांक्षी ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा निर्माण के लिए लगभग 250 करोड़ रुपये मंजूर कर ब्रज क्षेत्र के विकास की एक उम्मीद जगाई थी जिस पर प्रति वर्ष व अधिक मास में लाखों करोड़ों श्रद्धालु परिक्रमा कर अपने जीवन को धन्य मानते हुए देश विदेश से आकर इस पावन धरा ब्रज भूमि से निकलते है।
इस ब्रजरज को माथे से लगाकर विभिन्न तरह की मनोकामनाओं को उम्मीद के साथ अपने जीवन को सफल मानते हैं लेकिन आज वैश्विक महामारी कोविड 19 पर जीत मानते हुए आस्था के वशीभूत श्रद्धालु ईश्वर से साक्षात्कार मानते हुए राधे राधे भजते हुए ब्रज भूमि की परिक्रमा कर रहे है।
वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व राज्य सरकार कोरोना से जंग लड़ने के लिए युद्ध स्तर पर विभिन्न बैठकों का आयोजन व कार्य योजना बनाकर उसे लागू करने के लिए प्रयासरत है और अधिकारी को निर्देशित भी किया जा रहा है और आज 2 अक्टूबर से करोना से निबटने के लिए राज्य में चलाए जा रहे विशेष जागरूकता अभियान के तहत विभिन्न स्वयं सेवी संगठनों की तरफ से एक करोड़ मास्को के वितरण की योजना बना रहे हैं।
वर्तमान में डीग से प्रतिदिन हजारों की संख्या मे परिक्रमार्थी डीग होकर निकल रहे हैं और रात्रि में विश्राम कर रहे हैं। वही डीग में प्रशासन के अधिकारीयों के द्वारा राज्य सरकार की कोरोना से जंग लड़ने के आदेशों की अवहेलना व नजर अंदाज की जा रही है पुरुषोत्तम अधिक मास में ब्रज चौरासी कोस की यात्रा पर निकले देश भर के लाखों परिक्रमार्थियों की सुरक्षा सहायता व सुविधा के लिए प्रशासन या स्वास्थ्य विभाग का कोई भी कर्मचारी अधिकारी संवेदनशील नजर नहीं आ रहा परिणाम स्वरूप परिक्रमार्थियों को धरती के यमराजरूपी झोला छाप डॉक्टरों से इलाज के लिए सहयोग लेना पड़ रहा है। जिसमें गणेश जी मंदिर से लेकर लक्ष्मण जी मंदिर तक कई झोलाछाप डॉक्टर बने बैठे हैं जो आम जनता के साथ जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं जिसके चलते यमराजरूपी चिकित्सक श्रद्धालुओं को लूटकर चांदी कूट रहे हैं।
वहीं लगातार कोरोना के बढ़ रहे मामलो को रोकने के लिये अभी तक कोई दवाई या वैक्सीन नही बनी है तो कोरोना से जंग में अपनी और अपनों की सुरक्षा के लिए मास्क ही सबसे बडा हथियार है और कोरोना को मास्क और सोशल डिस्टेसिंग का प्रयोग कर रोका जा सकता है।लेकिन प्रशासनिक स्तर पर कोरोना जैसी महामारी के लिए कोई कारगर कदम कुम्भकर्णीय नींद सोए अधिकारियों ने नही उठाये हैं। हमारा मकसद लोगों की पारम्परिक आस्था का विरोध करना नहीं, बल्कि उन जिम्मेदारों को सचेत करना है, जिन्हें सरकारी गाइडलाइन का उल्लंघन टूटता नहीं दिखाई दे रहा है।