घर घर में मनाया लड्डू गोपाल का जन्मदिन

Aug 13, 2020 - 02:11
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घर घर में मनाया लड्डू गोपाल का जन्मदिन

बयाना भरतपुर

बयाना 12 अगस्त। योगीराज भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के रूप में बुधवार को कस्बा सहित ग्रामीण क्षेत्रो में भी घर घर में लड्डू गोपाल का जन्मदिन मनाया गया। दिन के समय घर घर में लड्डूगोपाल रूपी कृष्ण कन्हैया की झांकिया व सिंहासन सजाए गए व पूजा अर्चना की गई और रात्रि 12 बजने तक घर घर में लड्डूगोपाल जी की आरती और जयकारे गूंज उठे थे। इस बार कोरोना संकट व सरकारी एडवाइजरी के चलते यहां के विभिन्न मंदिरों में सार्वजनिक धार्मिक कार्यक्रम या महोत्सव नही मनाया जा सका। ना ही श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिए धार्मिक झांकियां सजाई जा सकी। मंदिरों में पुजारीयों महंतो की ओर से अन्य दिनों की भांति सामान्य पूजा अर्चना व कहीं कहीं पंजीरी व चरणामृत के प्रसाद का वितरण किया गया और बताया गया कि इस बार कोरोना संकट के चलते भीडभाड को रोकने व सोशल डिस्टैंसिंग की पालना आदि नियमों का विशेष ध्यान रखा गया है।बताया जाता है कि ऐसा यह पहला मौका है जब यहां भगवान श्रीकृष्ण के जन्माष्टमी पर्व पर उत्सवों के कोई कार्यक्रम नही हुए है। बयाना क्षेत्र को धार्मिक ग्रंथों में श्रीपथ नगर व शोणितपुर के नाम से जाता है। जो हजारों साल प्राचीन है। धार्मिक कथाओं के अनुसार बयाना क्षेत्र भगवान श्रीकृष्ण की बाल्याअवस्था में प्रमुख क्रीडा स्थली व युवा अवस्था में युद्धस्थली रहा है। यहां भगवान श्रीकष्ण व वाणासुर के बीच युद्ध का भी उल्लेख है।

श्रीकृष्ण से संबंधित अनेको पुराअवशेष आज भी यहां जगह जगह मौजूद है। यहां के विजयगढ दुर्ग व प्राचीन उषा मंदिर को भी श्रीकृष्णकालीन बताया जाता है और बार पूर्व में यहां सभी मंदिरों में भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का यह पर्व विशेष महोत्सव के रूप में मनाया जाता रहा है। इस अवसर पर यहां के प्राचीन उषा मंदिर, अग्रवाल समाज के गोपालजी मंदिर, छीपी समाज के नामदेव मंदिर, सैन समाज के रघुनाथ जी मंदिर, प्राचीन नागा पंजाया मंदिर, प्राचीन शिवालय सहित सभी मंदिरो में यहां विभिन्न धार्मिक झांकीयों की सजावट दिनभर भजन कीर्तन व कृष्ण कथा पाठ एवं नृत्य आदि उत्सवों के आयोजन किए जाते रहे है। जिनमें श्रद्धालुओं की मेले की भांति भीड उमड पडती थी। रात्रि के समय तो ऐसा लगता था मानों पूरा शहर ही बाजारों की सडकों व मंदिरों में उमड आया हो। किन्तु इस बार कोरोना संक्रमण व सरकारी एडवाइजरी के चलते ऐसा कुछ भी नही हो सका। श्रद्धालुओं ने जन्माष्टमी का यह पर्व अपने अपने घरों पर ही मनाया। कृष्ण भक्तों ने अपने अराध्य देव भगवान श्रीकृष्ण की अराधना में इस दिन दिनभर भूखे प्यासे रहकर व्रत भी रखा। जन्माष्टमी के पर्व पर फलों व मिठाईयों की बिक्री व डिमांड को देखते हुए इस दिन विक्रताओं ने इनकी रेटें भी काफी बढा दी थी। दोपहर होने तक तो फलों की रेट अन्य दिनों से दोगुनी तक पहुंच गई थी।

संवाददाता राजीव झालानी की रिपोर्ट

 

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