सामाजिक क्रांति के अग्रदूत थे महात्मा फूले: माली
फूले सेवा संस्थान ने मनाया महात्मा फूले मूर्ति स्थापना दिवस
भीलवाड़ा (राजस्थान/ बद्रीलाल माली) जातीय द्वेष, छुआछूत तथा अशिक्षा जैसी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाने वाले महात्मा ज्योति बा फुले की मूर्ति स्थापना दिवस पर फूले के अनुयायियों ने उन्हें नमन किया। इस अवसर पर फूले सेवा संस्थान के अध्यक्ष गोपाल लाल माली ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले सामाजिक क्रांति के अग्रदूत थे। उन्होंने शोषित वर्ग के प्रति उस समय आवाज उठाई, जब जातीय वैमनस्य का बोलबाला था। उन्होंने दलितों और शोषितों के प्रति जीवन भर संघर्ष किया और उनके लिए देवदूत साबित हुए। ऐसे समाज हितेषी, गरीबों के हमदर्द महापुरुष को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उन्होंने आज की युवा पीढ़ी से समाज में व्याप्त बुराईयों को जड़ से मिटाने का भी आव्हान किया।
‘‘आज के दौर में भी क्यों प्रासंगिक है महात्मा फूले के विचार?’’ पर आयोजित गोष्ठी में कई वक्ताओं ने महात्मा फूले द्वारा पिछडा़े के उत्थान पर दिये गये योगदान पर बल देते हुए कहा कि हमें आपसी मतभेद बुलाकर विकास और उत्थान पर ध्यान देना चाहिए। महात्मा फुले हमारे प्ररेणा स्त्रोत है। विचार गोष्ठी से पूर्व फूले के सभी अनुयायियों ने देवरिया बालाजी के समीप स्थित महात्मा ज्योतिबा फूले मूर्ति पर आठवे स्थापना दिवस के अवसर पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।
इस अवसर पर माली सैनी युवा महासभा के जिलाध्यक्ष हरनारायण माली, बंशीलाल माली, युवा महासभा के शहर अध्यक्ष देबीलाल गोयल, देवीलाल रागस्या, मुरली सैनी, मोहन बुलिवाल, सम्पत बुलिवाल, चौथमल रागस्या, गणपत माली, मुकेश माली सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।