*बहुत देखे है तेरे जैसे महाराज* और आए दिन यही कॉमेंट होने पर तथाकथित नाबालिग महाराज तिलमिला जाता, गढ़ दी हत्या की साजिश
अंधविश्वास में नहीं वरन बदलने की भावना से हुई थी बालक की हत्या।सरसो के खेत में मिली लाश की गुत्थी सुलझाते हुए पुलिस ने बाल अपचारी कथित नाबालिग महाराज को निरुद्ध किया
मालाखेड़ा/अलवर
मालाखेड़ा थानाधिकारी सज्जन कुमार ने बताया कि नावली गांव निवासी बालक निर्मल उर्फ बाबू की सरसो के खेत में मिली लाश की गुत्थी सुलझाते हुए बाल अपचारी कथित नाबालिग महाराज को निरुद्ध किया है।असल में बाल अपचारी बीमार होने के बाद गांव में ही चबूतरा बनाकर पूजा पाठ करने लगा।वह ग्रामीणों से कहता था कि उसके शरीर में भैरु बाबा सहित ग्रामीण क्षेत्रों के चलन में अनेक देवी-देवता आते है।वह भूत, पिशाच तो शरीर से उतारता ही है साथ ही अन्य इलाज भी परमानेंट करता है।बाल अपचारी को आसपास के इलाकों में लगातार मिल रही प्रसिद्धि से मृतक जलेसी रखता था और वह गाहे बगाहे कथित महाराज बाल अपचारी को यह कह कर चिढ़ाता रहता था कि बहुत देखे है तेरे जैसे महाराज।बाल अपचारी को यह कॉमेंट रास नहीं आता और वह तिलमिला जाता था। महाराज ने मन ही मन मृतक निर्मल उर्फ बाबू को ठिकाने लगाने की योजना बना ली।कथित महाराज मृतक को सरसो के खेत में मोरों के मौत होने की झूठी कहानी रच कर अपने साथ ले गया और गला दबाकर हत्या कर दी।महाराज ने हत्या के बाद अपने परिवार को भी हत्या करने की भनक नहीं लगने दी।इधर,जानवरों ने लाश के कान,नाक और नाखून पर जख्म कर दिए।
दूसरी तरफ बालक के हत्यारे की जानकारी लेने ग्रामीण तथाकथित महाराज के पास पहुंचे।खुद हत्यारे महाराज ने एकबारगी ग्रामीणों को मूर्ख भी बना दिया।बाल अपचारी महराज ने खेत के पास ही हत्यारे के छुपे होने की ग्रामीणों को जानकारी दी लेकिन पुलिस की मुखबिरी ने आखिर महराज को पुलिस तक पहुंचा ही दिया।
सनद रहे मृतक और बाल अपचारी एक ही कुणबे के है और खेत के डॉल को लेकर दोनों के परिवारों में काफी लंबे समय से विवाद चल रहा है।
राजीव श्रीवास्तव