19 वर्ष की उम्र में ही देश के लिए अपने प्राण न्योछावर किए निखिल दायमा हुए शहीद
गांव सदैपुर भिवाड़ी में छाया सन्नाटा
"उड़ जाती है नींद, यह सोचकर कि सरहद पर दी गई वो कुर्बानी हमारी नींद के लिए थी"
मां भारती की रक्षा हेतु अपने प्राणों की आहुति देने वाले भिवाड़ी के सैदपुर गांव के वीर सपूत निखिल दायमा जी की शहादत को मेरा कोटि-कोटि नमन। वीर निखिल दायमा जी कश्मीर में हुई आतंकी मुठभेड़ में देश की रक्षा हेतु वीरगति को प्राप्त हो गए। राष्ट्र के लिए आपका सर्वोच्च बलिदान आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मिसाल बनेगी।
राजस्थान के अलवर जिले में भिवाड़ी के सैदपुर गांव के निखिल दायमा शहीद होने की सूचना जैसे-जैसे लोगों को मिल रही है ठीक वैसे ही लोग शहीद के घर पैतृक गांव सैदपुर में पहुंच रहे हैं। सूचना पर भिवाड़ी नगर परिषद के सभापति व उपसभापति सहित आसपास के ग्रामीण बड़ी संख्या में पहुंचे हैं। सभी लोग निखिल की शहादत को सलाम करते हुए अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।
शहीद निखिल दायमा के चचेरे भाई जितेंद्र दायमा ने बताया की उन्हें शुक्रवार को पहले निखिल के घायल होने की सूचना मिली थी। लेकिन देर शाम ढलते ढलते उन्हें शहीद होने की सूचना मिली। जिसके बाद गांव में सन्नाटा पसर गया व लोगों में सबसे बड़ा कौतूहल यह बना की निखिल ने महज 19 वर्ष की उम्र में अपने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। बहरहाल निखिल के पार्थिव देह आने के इंतजार में शासन प्रशासन सहित बड़ी संख्या में पहुंचे ग्रामीण बांट जोह रहे हैं। वही शहीद के परिवार को ढांढस बांधते हुए हुए सभी निखिल के इस जज्बे को सलाम कर रहे हैं। निखिल के परिवार में निखिल से छोटा एक भाई है वाह माता-पिता हैं साथ में दादा भी सेना से सेवानीवर्त है।
भिवाड़ी के सैदपुर गाँव का लाल निखिल दायमा कश्मीर के उरी सेक्टर में मुठभेड़ में शहीद हो गया। मात्र 19 साल की उम्र में देश के लिए दी शहादत। भगवान परिवार को यह दुख सहने का संबल दे।
GEN परिवार