नियोनेटल रेस्प्रिरेटर मशीन करौली जिले के शिशुओं की बनेगी जीवनदायनी - सिद्वार्थ सिहाग
लुपिन ने करौली अस्पताल में नियोनेटल रेस्प्रिरेटर मशीन का शुभारम्भ
भरतपुर (राजस्थान/ रामचंद्र सैनी ) भरतपुर संभाग के जिला करौली के सामान्य अस्पताल को नवजात शिशु मृत्यु दर में कमी लाना के उददेश्य से चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा व चिकित्सा राज्यमंत्री डाॅ.सुभाष गर्ग की अभिशंषा तथा करौली के जिला कलक्टर सिद्वार्थ सिहाग के आग्रह पर लुपिन फाउन्डेशन के अधिशाषी निदेशक सीताराम गुप्ता ने नियोनेटल रेस्प्रिरेटर मशीन स्वीकृत की,जिसका अनावरण करौली के जिला कलक्टर सिद्वार्थ सिहाग एवं सामान्य अस्पताल के पीएमओ डाॅ.दिनेश गुप्ता ने किया। जिला कलक्टर सिद्वार्थ सिहाग ने कहा कि जिला सामान्य अस्पताल को लुपिन संस्थान के अधिशाषी निदेशक सीताराम गुप्ता ने नियोनेटल रेस्प्रिरेटर मशीन उपलब्ध कराई है,जिस मशीन के उपयोग से नवजात शिशुओं की मृत्यु दर में कमी आऐगी और ये शिशुओं के जीवनदायनी सावित होगी। उन्होने कहा कि नवजात शिशु को जन्म के समय कभी-कभी आॅक्सीजन की आवश्यकता पड जाती है,जन्म के समय आॅक्सीजन की कमी एवं श्वसन नली व मुख में गन्दा पानी का प्रवेश शिशु के जीवन को घातक सिद्व हो सकता है। ऐसा होने पर नवजात शिशु के मस्तिष्क या शासररिक रूप से अपाहिज होने का भयं बना रहता है। उक्त मशीन के उपयोग से समय पर शिशु को आॅक्सीजन मिलेगी और जन्म के समय श्वसन नली एवं मुख के अन्दर प्रवेश हुए गन्दा पानी को आसानी से निकाला जा सकता है। उन्होने कहा कि लुपिन के अधिशाषी निदेशक सीताराम गुप्ता करौली जिले के शहरी एव ग्रामीण अंचल के सरकारी अस्पताल में जन्म लेने वाले शिशुओं के जीवनदाता बन गए,जिन्होने उक्त मशीन को सामान्य अस्पताल को भेंट किया। सामान्य अस्पताल के पीएमओ डाॅ.दिनेश गुप्ता ने कहा कि अस्पताल में नियोनेटल रेस्प्रिरेटर मशीन के अभाव में नवजात शिशुओं के जन्म के समय स्टाप को अनेक प्रकार की दिक्कत आती,जिसमें श्वसन प्रणाली में दिक्कत अहम थी,शिशु के जन्म के समय उसके मुख,श्वसन व भोजन नली में गन्दा पानी का प्रवेश आदि थी। कभी-कभी ऐसी हालत होने पर शिशु को जयपुर या अन्य स्थान को रैफर किया जाता था। उन्होने बताया कि लुपिन के अधिशाषी निदेशक सीताराम गुप्ता करौली जिले के नवजात शिशुओं के जीवनदाता बने,जिन्होने सामान्य अस्पताल को नियोनेटल रेस्प्रिरेटर मशीन भेंट की,जिसका लाभ शिशुओं को मिलेगा और नवजात शिशु के प्राण बचेगें तथा उसके परिजनों के पैसा व समय भी बचेगा और घर का चिराग का जीवन बचेगा। उन्होने बताया कि करौली सामान्य अस्पताल में प्रति माह 10 से 15 नवजात शिशुओं को सांस की दिक्कत वाली समस्या आती है,उन्हे ऐसी हालत में जयपुर रैफर किया जाता था,अब उक्त मशीन प्राप्ति से ऐसे नवजात शिशुओं के प्राण बचेगें और मृत्यु दर में कमी भी आऐगी। धौलपुर के जिला कार्यक्रम अधिकारी सुबोध गुप्ता ने बताया कि लुपिन फाउन्डेशन के अधिशाषी निदेशक सीताराम गुप्ता ने जिला भरतपुर,धौलपुर एवं करौली में जन्म के समय नवजात शिशुओं की श्वसन प्रणाली में आने वाली दिक्कतों की समस्या का समाधान,शिशु के परिजनों की आर्थिक बचत व घर का चिराग सुरक्षित तथा नवजात शिशु मृत्यु दर कमी लाना के उददेश्य नियोनेटल रेस्प्रिरेटर मशीन उपलब्ध कराई,जिस एक मशीन की कीमत करीब आठ लाख से अधिक है। उक्त जिलों में नियोनेटल रेस्प्रिरेटर मशीन मशीन के उपयोग से प्रति माह करीब 200 से 300 नवजात शिशुओं की जान बचाई जा रही है। उन्होने बताया कि शिशु के जन्म के समय नवजात शिशु को सांस लेने पर होने वाली परेशानी पर परम्परागत रूप से चिकित्सक एवं प्रसव कक्ष का नर्सिंग स्टाफ बच्चे को उल्टा कर पीठ पर थप्पी देता था,जिससे शिशु के मुख्य व सांस नली में अटका गन्दा पानी बाहर आए और शिशु सांस ले सके। इस पद्वति में कभी-कभी संास नही आती और शिशु की मौत हो जाती। नियोरेटल रेस्प्रिरेटर मशीन के उपयोग से अब ऐसा नही होगा। सुबोध गुप्ता ने मशीन के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि न तो इसे चलाते समय किसी प्रकार का कोई तकनीकी झंझट है और ना ही किसी प्रकार के अन्य संसाधनो की आवश्यकता। बच्चा पैदा होते यदि सांस लेने मै तकलीफ महसूस करे तो इस मशीन के मॉस्क को बच्चे के मुह पर लगाकर तीन मिनट तक रखना है।इसके बाद बच्चा की सांस लेने की प्रक्रिया में सुधार होना शुरु कर हो जाएगा। हैदराबाद में वेज्ञानिको द्वरा निर्मित यह मशीन करीब आठ लाख रुपये की लागत की है। इस मशीन को हैदराबाद से मंगाया गया है।और प्रसब कक्ष के नर्सिंग स्टाफ़ सहित चिकित्सा प्रभारी को इस मशीन को चलाने में प्रशिक्षण भी दिया जायेगा।
सुबोध गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि लुपिन के अधिशाषी निदेशक सीताराम गुप्ता की पहल पर आज करोली में नियोनेटल रेस्प्रिरेटर मशीन को स्वतन्त्रता सेनानी शिवराज सिंह सामान्य चिकित्सालय में उपलब्ध करवाया गया है। इस से पहले लुपिन भरतपुर ओर धोलपुर में इस तरह की मशीन उपलब्ध करवा चुकी है जिसके काफी सकारात्मक परिणाम आ रहे है। दोनो जिलों में इस मशीन से अभी तक लगभग 3250 बच्चो को लाभान्वित किया जा चुका है।