अंतर्राष्ट्रीय संगीत दिवस पर सात सुरों से सजी सप्तरंग गीत संगीत की सुरीली महफिल
खैरथल अलवर(हीरालाल भूरानी)
इंडिया इंटरनेशनल म्यूजिक लवर सोसाइटी द्वारा मिले सुर मेरा तुम्हाराकी अनवरत चली आ रही कड़ी में सात सुरों से गीत संगीत से सजी सप्तरंग सुरीली महफिल का आयोजन हुआ। अंतर्राष्ट्रीय पिता दिवस , संगीत दिवस और पिकनिक दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बारिश के बावजूद 30 गायकों ने एक से बढ़कर एक गीत सुनाए । सदस्यों में कुंज बिहारी लाल,
ऊषा मित्तल, रशिम मिश्रा, शकील खां कमर जहां , गोपेन्द्र सिंह राठौड़, डाॅ दीपा थदानी, लता लख़्यानी, प्रकाश जेठरा, रानी चौधरी, कैप्टन माही, वर्षा माथुर, नीरज़ मिश्रा, कुमकुम जैन , श्याम पारीक, गणेश चौधरी, आजाद अपूर्वा, मनीष कुमार कोठारी, राजेश टेकचंदानी, मीना कंजानी, दीपक भार्गव, वंदना मिश्रा, नरेश रतनानी ने पिता संगीत और मौसम पर अपनी अपनी प्रस्तुति दी। दलबीर सिंह के गीत कई बार यूं ही देखा है में राजेश मंजू टेकचंदानी ने शानदार नृत्य किया । ये तो सच है कि भगवान है सामूहिक गीत के साथ गाते रहो मुस्कुराते रहो हंसाते रहो कार्यक्रम का समापन हुआ । डॉ लाल थदानी ने सबका आभार व्यक्त किया ।
अंतर्राष्ट्रीय पिता दिवस को साकार करते हुए रशिम मिश्रा बाबुल प्यारे , कैप्टन माही पिता तो वरदान है, वर्षा माथुर मेरे पापा दिन खुशियों का है आया, अब्दुल हनीफ मै गाऊॅ तुम सो जाओ , श्याम पारीक तुझको ना देखूँ तो जी घबराता है गीत सुनाकर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। अंतरराष्ट्रीय संगीत दिवस थीम पर लता लख़्यानी ने रोज रोज ऑखो तले एक ही सपना चले, दलबीर सिंह रिमझिम गिरे सावन, मनीष कुमार कोठारी कोई फरियाद तेरे दिल से, ऊषा मित्तल गीत तेरे साज का तेरी ही आवाज हूं, डाॅ लाल थदानी दिल ढूंढता है फिर वही और फिर दोनों ने युगल गीत ये पर्वतों के दायरे सुनाकर तालियां बटोरी ।
रूमानी गीतों में कमरजहाॅ इस प्यार से मेरी तरफ ना देखो
कुंजबिहारीलाल बहुत प्यार करते है तुमको, डाॅ दीपा थदानी ये शाम मस्तानी मदहोश किए जा, गोपेन्द्रपाल सिंह राठौड़ ए फूलों कि रानी बहारों, आजाद अपूर्वा तुम बिन जाऊ कंहा , शकील ख़ान आते जाते खूबसूरत आवारा सड़को पे, वंदना मिश्रा एंव नीरज मिश्रा तेरी उम्मीद तेरा इंतजार , दीपक भार्गव मुझे इश्क है तुझी से ने भी प्रभावित किया ।
प्रकाश जेठरा आपका क्या होगा जनाबे अली,कुमकुम जैन अब तो है तुमसे हर खुशी, गणेश चौधरी छलके तेरी ऑखो से शराब और ये रेशमी जुल्फ़ें तथा पत्नी रानी चौधरी के साथ मेहबूब मेरे तू है तो दुनिया , नरेश रतनानी मुसाफिर हूॅ यारों ना घर है,मीना कंजानी वो दिल कहाॅ से लाऊं की भी तारीफ हुई ।