बयाना में पैट्रोल के रेट 101 के पार, डीजल हुआ 93.86 पैसे लीटर
बयाना (भरतपुर, राजस्थान) कोरोना संकट की घडी में जहां बडे वाहनों व यात्री वाहनों का संचालन बंद सा पडा है और सडक यातायात पर प्रतिबंध लगा रखा है। रेल सेवाऐं भी घटाकर काफी कम कर दी गई है। फिर भी डीजल पैट्रोल के रेट लगातार बढते जा रहे है। उपभोग पहले से काफी कम हो जाने व अंतर्राष्ट्रीय बाजार मेें क्रूड आॅयल की रेटें काफी कम होने के बावजूद डीजल पैट्रोल की रेट दिन दूने रात चैगुने की गति से बढते देख उपभोक्ता व किसान अचंभित है। बीती रात्रि को भी विभिन्न तेल कम्पनीयों की ओर से फिर से डीजल पैट्रोल की रेटेें बढाए जाने के बाद अब बयाना में शनिवार को पैट्रोल 101 रूप्ए 2 पैसे प्रति लीटर व डीजल के रेट 93 रूप्ए 86 पैसे प्रति लीटर बताया गया।डीजल पैट्रोल के नित रोज बढते रेटों का सबसे बुरा असर ट्रांसपोर्टरों व कार एवं बाईक उपभोक्ताओं पर पड रहा है। कई उपभोक्ताओं ने बताया कि उन्हें क्या पता था कि ऐसे होंगे अच्छे दिन वहीं एक ट्रैक्टर चालक किसान ने बताया कि जब देश भर में तमाम सडक यातायात व रेल यातायात बंद है।धंधे रोजगार बंद करवा दिए गए है तो डीजल पैट्रोल के दाम रोज रोज किसके फायदे के लिए बढाए जा रहे है। उनका यह भी कहना था कि जब कच्चे तेल के भाव नही बढ रहे और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर डीजल पैट्रोल के भाव भी नही बढ रहे तो देश में रोज डीजल पैट्रोल के भाव क्यों बढाए जा रहे है। वहीं ट्रांसपोर्ट कारोबारीयों का कहना था कि जिस तरह से डीजल पैट्रोल के भाव दो गुना बढे है। वैसे उनके भाडे नही बढाए जाने से अब ट्रांसपोर्टेशन का कारोबार घाटे का सौदा हो गया है। जबकि ट्रांसपोर्टेशन के कारोबार से देशभर के करोडों परिवार जुडे है। जो अब भुखमरी और बेरोजगारी के कगार पर पहुंच गए है। तथा कर्जे में भी डूबते जा रहे है। वहीं एक थोक व्यवसायी ने बताया कि डीजल पैट्रोल के रेट बढने से आम उपभोक्ता पर सबसे बडी मार पडती है। डीजल पैट्रोल के रेट बढने के साथ ही आम उपभोक्ता की उपयोगी वस्तुओं की भी रेटें बढने लगती है। जिससे महंगाई भी बढ रही है।
- रिपोर्ट:- राजीव झालानी