Pnb ने नही किया था केसीसी कार्डधारक किसानों का फसल बीमा, अब देने होंगे मुआवजे के साथ हर्जे-खर्चे के 10-10 हजार
पहाड़ी भरतपुर
फसल खराब के मामले में जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने भरतपुर जिले की पहाड़ी तहसील के 17 किसानों के हक में फैसला सुनाया है। ऐसे 13 केस अभी भी आयोग में पेंडिंग हैं फसल बीमा अनिवार्य होने के बावजूद पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) किसानों का फसल बीमा नहीं कराया। ओलावृष्टि से 8 साल पहले खराब हुई फसल के लिए बैंक अब खुद मुआवजे का भुगतान करेगी। साथ ही उन्हें हर्जे-खर्चे के रूप में 10-10 हजार रुपए भी देगीपहाड़ी क्षेत्र के कई गांवों में 17 जनवरी, 2013 को ओलावृष्टि हुई थी। इसमें सरसों और गेहूं की फसल में काफी नुकसान हुआ। राज्य सरकार ने खुद अपनी रिपोर्ट में 58 प्रतिशत फसली नुकसान होना माना। जब किसानों ने बैंक से मुआवजा मांगा तो पीएनबी ने उन्हें फसल बीमा की क्षतिपूर्ति राशि देने से इंकार कर दिया। इस पर उन्होंने एडवोकेट राजीव गोठी के जरिए बैंक के खिलाफ जिला उपभोक्ता आयोग में बैंक और बीमा कंपनी के खिलाफ शिकायत की।
उपभोक्ता आयोग का फैसला :-
गौरतलब है कि फसल बीमा अनिवार्य होने के बावजूद पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) किसानों का फसल बीमा नहीं कराया था और अब फसल खराब के मामले में जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने भरतपुर जिले की पहाड़ी तहसील के 17 किसानों के हक में फैसला सुनाया है। ओलावृष्टि से 8 साल पहले खराब हुई फसल के लिए बैंक अब खुद मुआवजे का भुगतान करेगी। साथ ही उन्हें हर्जे-खर्चे के रूप में 10-10 हजार रुपए भी देगी।
उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष सत्यजीत राय और सदस्य दीपक मुदगल ने फैसले में लिखा कि फसल बीमा अनिवार्य था। योजना के तहत प्रीमियम राशि काटने की जिम्मेदारी बैंक की थी। इसलिए बैंक गिरदावरी रिपोर्ट और बीमा योजना के मापदंडों के अनुसार क्षतिपूर्ति राशि का निर्धारण करके पीड़ित किसानों को मुआवजा राशि अदा करे। इस राशि पर जुलाई 2013 से 6 फीसदी सालाना ब्याज के साथ प्रत्येक केस में 10 हजार रुपए बतौर हर्जे-खर्चे भुगतान किया जाए।