कोविड -19 पर सोशल एक्टिविस्ट डॉ. सविता गोस्वामी की काव्य रचना
बहरोड /अलवर /योगेश शर्मा
स्वरचित काव्य रचना-
स्वदेश पुनः विश्वगुरु कहलाएगा ।
भारत भव्य वसुन्धरा खुशियों का भण्डार ,हाय कोरोना वर्ष में करती अब चीत्कार।।
चीन देश से उपज महामारी यह आयी ,भय-आशंका जन-जन के मन मे भर लायी।।
धन-संपदा-समृद्धि भूल सब मौत खौफ से काँपे ,हृदय विदारक मरण दृश्य लख निज अंतहुँ को भाँपे।।
सुरसा मुख सम लाख, करोड़ो तक को घेरा ,इटली, जर्मन, अमरिका विज्ञान हो गया ढेरा।।
बस, मोटर अरु ट्रैन, प्लेन सब बंद राह को ताके ,सड़क हुई वीरान, झरोखे से सब झाँके।।
डॉक्टर, पुलिस बने योद्धा इस भीषण रन के माही ,सब लाचार विवश घर बैठे कोऊ निकसत नाही।।
लगा मास्क, डिस्टेंस बनाकर जो रहते हैं ज्ञानी ,वही लिखेंगे कोरोना की दहशत भरी कहानी।।
कर ना सके जो खुद की रक्षा, कैसा भारतवासी ,सविता की शाश्वती शक्ति सदा तुझमे अविनाशी।।
खत्म होगा यह कोरोना, नववर्ष नव खुशियाँ लाएगा ,नवनिर्माण होगा, स्वदेश पुनः विश्व गुरु कहलायेगा।।
डॉ. सविता गोस्वामी
सोशल एक्टिविस्ट
मंथन फॉउन्डेशन चैरिटेबल ट्रस्ट, बहरोड़