होलिका दहन की तैयारियां जोरों पर, बालिकाएं बना रही बड़कुल्ये
रविवार को गोधूलिक वेला 06:39 से रात्रि 09:10 के मध्य होगा होलिका दहन ।
गुरलां (भीलवाड़ा, राजस्थान/ बद्रीलाल माली) इस वर्ष हिन्दू पर होली का शुभ मुहूर्त पर होलिका दहन किया जाएगा जबकि वैश्विक महामारी कोरोना के पुनः बढ़ते संक्रमण को लेकर ग्रह विभाग द्वारा जारी गाइडलाईंन के बाद इस बार भी रंगोत्सव पर्व नहीं मनाया जाएगा ।
पंडित कैलास चन्द्र व्यास ने बताया कि सत्यनारायण मंदिर दरोगा महौला जेन मंदिर सहित गाँव के विभिन्न मोहल्लो में होलिका दहन 28 मार्च रविवार को गोधूलिक वैला 06:39 से रात्रि 09:10 तक किया जाएगा ।
पण्डित व्यास ने बताया कि फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा पर रविवार को शुभ मुहूर्त में पारम्परिक तौर तरीके के साथ पूजा अर्चना कर बड़े चारभुजा मंदिर चौक में होलिका दहन किया जाएगा । ईस पावन पर्व के मौके पर गाँव के नन्हे मुन्हे बच्चे और महिलाऐ व पुरुष नए वस्त्र धारण कर होलिका दहन करने बड़े मंदिर चौक में पहुँचेगे । साथ ही बच्चो की टोलीयों द्वारा होलिका दहन के समय खूब जमकर आतिशबाजीयां भी की जाएंगी । वही ग्रामीण किसान लोग होली की लपटों में नया धान (गेँहू की बालियां) शेक कर नारियल, परमल व मकाणे फुल्ली इत्यादि का प्रसाद वितरण कर हर्षोउल्लास के साथ होलिका दहन पर्व मनाएंगे ।
इस होलीका दहन पर्व को लेकर कारोही क्षेत्र के गुरलां निवासी बद्रीलाल माली बताते हैं कि होली को लेकर ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे बच्चियाँ 7 से 10 दिन पूर्व ही गाय के गोबर से चाँद, सितारे, जीभ, रकड़ी व नारियल जैसे विभिन्न आकार के बड़कुल्या बनाने में जुट जाते हैं । जिनकी होली पर माला बनाकर होलीका दहन से पूर्व होली को पहनाते हैं । वही गोबर से बने नारियल में परमल, मकाणे, ज्वार की फुल्ली, नमकीन, चॉकलेट आदि भरकर लाते हैं जो होलिका दहन के पश्चात नारियल फ़ौड़कर प्रसाद वितरण करते हैं । माली ने बताया कि गुरलां में सोनल माली, प्रियंका माली एवं एकलव्य माली ने मिलकर अपनी माता मीरा देवी के बताए अनुसार होली के लिए बड़कुल्या बनाये जिनको रविवार को होलीका दहन पर होली को पहनाया जाकर होलीका दहन किया जाएगा । साथ ही आसपास के ग्रामीण अंचलों में भी रविवार को होलिका दहन किया जाएगा जबकि बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी होलिका दहन के अगले दिन सोमवार को धुलंडी पर रंगोत्सव पर्व नहीं मनाया जाएगा ।