मेघवाल समाज में तेजी से हो रहा क्रांतिकारी परिवर्तन
कल्याणपुर और पीपाड़ शहर में बन रहा है मेघवाल समाज का आधुनिक छात्रावास
झुन्झुनूं (राजस्थान/ सुमेरसिंह राव) राजस्थान प्रदेश में मेघवाल समाज के लोग सबसे ज्यादा संख्या में रहते हैं। सामाजिक एकता के अभाव में विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग नामों से जाने जाते हैं। कहीं पर मेघवाल, कहीं पर बलाई तो कहीं पर जाटव आदि अन्य नामों से मेघवंश जाति के लोग जाने जाते हैं। राजस्थान मेघवाल परिषद् के प्रदेशाध्यक्ष माननीय कानाराम कांटीवाल के नेतृत्व में मेघवाल समाज को एकजुट करने के लिए पूरे प्रदेश में सामाजिक एकता यात्रा शुरू की गई है। झुन्झुनूं जिले के सामाजिक कार्यकर्ता राजस्थान मेघवाल परिषद् के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष धर्मपाल गांधी ने बताया कि मेघवंश समाज को एकजुट करने के लिए राजस्थान मेघवाल परिषद् का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश में भ्रमण कर रहा है। समाज को एकजुट करना, समाज में जागृति पैदा करना, सामाजिक संस्थाओं का निर्माण करना और समाज को शिक्षित करना यात्रा का मुख्य उद्देश्य रहेगा। यात्रा के दौरान हर जिलों में समाज के लोगों से मिलकर वहाँ की समस्याओं के बारे में जाना जायेगा और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए हर जगह छात्रावास और लाइब्रेरी खोलने पर जोर दिया जायेगा। शिक्षा और समाज दोनों एक दूसरे के पूरक हैं। शिक्षा के बिना समाज अधूरा है। शिक्षा ही समाज की संस्कृति का संरक्षण करती है। शिक्षा विहीन मनुष्य अपनी राजनीतिक स्थिति को नहीं जान पाता, जिसके कारण वह केवल अंधभक्त बन जाता है एक जागरूक नागरिक नहीं बन पाता है। एक व्यक्ति में राजनीतिक स्थिति समझने की शक्ति तभी उत्पन्न हो सकती है जब वह शिक्षित हो। शिक्षा समाज के व्यक्तियों को इस योग्य बनाती है कि वह समाज में व्याप्त समस्याओं, कुरीतियों गलत परम्पराओं के प्रति सचेत होकर उसकी आलोचना करते हैं, और धीरे-धीरे समाज में परिवर्तन होता जाता है। शिक्षा समाज के प्रति लेागों को जागरूक बनाते हुये उसमें प्रगति का आधार बनाती है। जैसे शिक्षा पूर्व में वर्ग विशेष का अधिकार थी जिससे कि समाज का रूप व स्तर अलग तरीके का या अत्यधिक धार्मिक कट्टरता, रूढिवादिता एवं भेदभाव या कालान्तर में शिक्षा समाज के सभी वर्गों के लिये अनिवार्य बनी जिससे कि स्वतंत्रता के पश्चात् सामाजिक प्रगति एवं सुधार स्पष्ट परिलक्षित हो रहा है। यात्रा के दौरान बाड़़मेर जिले के कल्याणपुर में मेघवाल समाज के कार्यकर्ताओं से मुलाकात हुई। मेघवाल शिक्षा एवं विकास संस्थान कल्याणपुर के अध्यक्ष भीमाराम देवपाल, प्रधानाध्यापक दीपाराम जयपाल, नारायणलाल बागरेचा, शारीरिक शिक्षक भगाराम देवपाल, स्टेट अवार्ड शिक्षक बीजाराम घुघरवाल, जोगाराम देवपाल, हरिराम गोयल, बुद्धाराम बारूपाल आदि ने बताया कि हमारे यहां अंधविश्वास, पाखंडवाद व मृत्युभोज जैसी कुरीतियों को त्याग कर समाज के लोग शिक्षा पर ध्यान दे रहे हैं। इसी क्रम में हम यहाँ पर आधुनिक छात्रावास और लाइब्रेरी का निर्माण कर रहे हैं। जोधपुर जिले के पीपाड़ शहर में भी मेघवाल समाज का आधुनिक तीन मंजिला छात्रावास बनकर तैयार हो रहा है। लाइब्रेरी पहले ही स्थापित की जा चुकी है, जिसमें समाज के बच्चे अध्ययन कर रहे हैं। मेघवाल युवा विकास समिति के अध्यक्ष और युवा सामाजिक कार्यकर्ता गणपतलाल मेहरा ने बताया कि मेघवाल समाज के आधुनिक छात्रावास का निर्माण काफी दिनों से चल रहा है और 2022 में बनकर तैयार हो जायेगा। लाइब्रेरी पुराने छात्रावास में चल रही है। नया छात्रावास बनने के बाद में लाइब्रेरी को बेसमेंट में स्थापित किया जायेगा। समिति के कोषाध्यक्ष रमेश खींची ने बताया कि पीपाड़ शहर में डॉ. भीमराव अंबेडकर की अष्टधातु की बड़ी प्रतिमा भी समाज के द्वारा बनवाकर लगाई जा रही है। राजस्थान मेघवाल परिषद के प्रदेश कैबिनेट के सदस्यों द्वारा भी मूर्ति का अवलोकन किया गया। मेघवाल समाज के लोगों ने प्रदेश कैबिनेट के सदस्यों का माला और साफा पहनाकर गर्मजोशी से स्वागत किया। इस मौके पर प्रदेश संगठन मंत्री लीला देवी मेघवाल, धनाराम गुणपाल, मेघवाल युवा विकास समिति के अध्यक्ष गणपत लाल मेहरा, नरसिंह राम, सतीश गुणपाल, समिति प्रवक्ता संपत राज कड़ेला, शेख नगर सरपंच बेबी देवी, समिति संरक्षक कोजाराम लीलड़, समिति के पूर्व अध्यक्ष जवाहरलाल सोनेल, लाइब्रेरी इंचार्ज श्रवणराम बागरा, कोषाध्यक्ष रमेश खींची अध्यापक, पूर्व प्रधानाचार्य कोजाराम सर्वा, शारीरिक शिक्षक अन्नाराम रॉयल, घासीराम मेघवाल, सेठाराम मेहरा, गोबरराम बागरा, रमेश कड़ेला, पुखराज आदि अन्य सैकड़ों गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। राजस्थान मेघवाल परिषद के प्रदेश अध्यक्ष कानाराम कांटीवाल ने समाज में हो रहे क्रांतिकारी परिवर्तन पर खुशी का इजहार करते हुए समाज को "जय मेघवंश जय मेघ ऋषि" का नारा दिया।