प्रकृति माँ को शृंगार विहीन होने से बचाएँ:- श्री हरि चैतन्य महाप्रभु
आज़ श्री हरिकृपा आश्रम में 63 वृक्ष लगाये गए
कामां (भरतपुर,राजस्थान) कस्बे के श्री हरिकृपा आश्रम में पर्यावरण दिवस के अवसर पर उपस्थित भक्त समुदाय को संबोधित करते हुए कहा महाराज श्री ने कहा कि प्रकृति हमारी जन्मदात्री माँ से भी अधिक हमारी रक्षा करती है, परंतु प्रकृति के नियमानुसार यदि नहीं रह कर अपितु उससे खिलवाड़ करें तो यह रक्षक होने के बजाय हमारी भक्षक भी बन सकती है। आए दिन जहाँ तहाँ बाढ़, भूकंप, सूखा, प्राकृतिक अन्यान्य विपदाएँ हमारी प्रकृति के साथ खिलवाड़ का ही परिणाम रहा है।प्राकृतिक सौंदर्य ,वनसंपदा आदि हमारी प्रकृति माँ के श्रृंगार है पृथ्वी माँ को शृंगार विहीन होने से बचाने के लिए स्वयं को प्राकृतिक आपदाओं से बचाकर सुखी भविष्य बनाने के लिए अपने क्षेत्र के सौंदर्य आकर्षण पहचान को बनाए रखने के लिए प्रकृति व यहाँ की अमूल्य ऐतिहासिक धरोहरों के साथ खिलवाड़ बंद करके उनके संरक्षण पर ध्यान देना बहुत ही आवश्यक है समय रहते यदि हमने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो बाद में पश्चाताप के अलावा हमारे हाथ कुछ भी शेष नहीं रहेगा।
महाराज श्री के दिव्य प्रवचनों से सभी मंत्रमुग्ध व भावविभोर हो गए। सभी ने वृक्षारोपण का व वृक्षों के संरक्षण का संकल्प लिया । कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन करने का भी संकल्प लिया व कोरोना का टीका लगवाने व औरों को भी प्रेरित करने का प्रण किया । 12 जून को परम पूज्य स्वामी श्री हरि चैतन्य पुरी जी महाराज का पावन जन्मोत्सव है। आज सम्पूर्ण विश्व में डंका बजा कर भारतीय अध्यात्म का परचम लहराने वाले स्वामी जी कामां में ही जन्मे है। कामां की पावन भूमि पर जन्मे कामां के लाल ने विश्व धर्म संसद व यूनिवर्सल पीस कांफ्रेंस सियोल ओलंपिक स्टेडियम सियोल दक्षिण कोरिया में भारत का प्रतिनिधित्व किया है । लगभग सम्पूर्ण विश्व में धर्म का प्रचार करने के लिए जा चुके हैं । अनेक राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पुरूस्कारों से भी श्री महाराज जी को सम्मानित किया गया है । संयोग से लॉकडाउन के कारण इस बार श्री महाराज जी 12 जून को श्री हरि कृपा आश्रम कामां में ही विराजेंगे । देश व विश्व की वर्तमान स्थिति को देखते हुए इस अवसर पर कोई सार्वजनिक कार्यक्रम बड़े स्तर ना करने का निर्णय किया गया है । बहुत ही सादगी पूर्वक मनाया जाएगा ।
11 जून को अखण्ड राम चरित मानस पाठ प्रारंभ होगा व 12 जून को श्री राम चरित मानस पाठ सम्पूर्ण होगा ।12 जून को कोरोना की महामारी से देश व विश्व को उबारने के लिए प्रभु से प्रार्थना करते हुए यज्ञ, हवन का भी आयोजन किया जाएगा ।
- रिपोर्ट- हरिओम मीणा